नैनो ड्रोन से जम्मू-कश्मीर के चप्पे-चप्पे की होगी निगरानी, ब्लैक हॉरनेट रखेगा दुश्मनों की हर हरकत पर नजर
Jammu and Kashmir News: भारतीय सेना ने नैनो ड्रोन ब्लैक हॉरनेट सहित कई नए हथियार और वाहन अपने बेड़े में शामिल किए हैं. इसकी मदद से अब जम्मू-कश्मीर में दुश्मनों की हर हरकत पर नजर रखी जाएगी.
Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने आम जनता की रक्षा और दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखने के लिए कई नए हथियार और वाहन अपने बेड़े में शामिल किए हैं. नए उपकरणों में भारतीय सेना के बेड़े में शामिल नैनो ड्रोन भी है जो आकर्षण का विषय बना हुआ है. देखने में आम खिलौने जैसा दिखने वाला यह ड्रोन 'ब्लैक हॉरनेट' के नाम से जाना जाता है.
ब्लैक हॉरनेट को जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने हाल ही में अपने बेड़े में शामिल किया है. दो कैमरा से लैस ब्लैक हॉरनेट बिना आवाज किए दुश्मन की खबर आर्मी तक पहुंचता है. ब्लैक हॉरनेट का इस्तेमाल भारतीय सेना छिपे हुए आतंकियों की पोजीशन जानने के लिए करती है. ब्लैक हॉरनेट को बिल्डिंग इंटरवेंशन में महारत हासिल है और बिना आवाज किए यह ड्रोन बिल्डिंग में छिपे आतंकियों की पोजीशन सेना तक पहुंचाता है.
सीमा पर टाटा रजक को भी तैनात किया गया
पाकिस्तान में छिपे आतंकियों की हरकत पर नजर रखने के लिए भारतीय सेना ने सीमा पर टाटा रजक को भी तैनात किया है. टाटा रजक दुश्मन पर नजर रखने के लिए एक उपयुक्त सिस्टम है. टाटा रजक अपनी जगह पर स्थापित होने के बाद किसी भी मानव की मूवमेंट को 18 किलोमीटर और किसी भी वाहन की मूवमेंट को 35 किलोमीटर तक डिटेक्ट कर सकता है.
कंप्यूटर से जुड़े होने के कारण टाटा रजक तुरंत ही सारी जानकारी सेना तक पहुंचना है. जम्मू कश्मीर में जिस तरह से पाकिस्तान सीमा से घुसपैठ करने की फिराक में रहता है, ऐसे में टाटा रजक सीमा पर एक प्रहरी की भूमिका निभाता है.
बेड़े में लाइट स्ट्राइक वाहनों को भी उतारा
भारतीय सेना ने अपने बेड़े में लाइट स्ट्राइक वाहनों को भी उतारा है. इस लाइट स्ट्राइक वाहन का निर्माण भारत में फोर्स मोटर्स में किया है. इस वाहन में चार सिलेंडर और चार स्ट्रोक डिस्चार्ज इंजन हैं और इसमें चार लोग बैठ सकते हैं. लाइट स्ट्राइक वाहन में बैलिस्टिक सुरक्षा सिस्टम और नाइट विजन सिस्टम लगा हुआ है और इस पर तीन तरह के हथियारों को लगाया जा सकता है.
इसके साथ ही भारतीय सेना ने माउंटेन ऑफ रोड व्हीकल को भी अपने बेड़े में शामिल किया है. इस वाहन की पेलोड क्षमता 470 किलोग्राम है और इसकी उपयोगिता हथियारों और आपूर्ति को वितरित करने, छोटी टुकड़ी की जल्द तैनाती, हताहत निकासी के लिए किया जा सकता है. भारतीय सेना ने बख्तर बंद हल्का विशेषज्ञ वाहन भी अपने बेड़े में शामिल किया है.
बुलेट प्रूफ होने के कारण इस वाहन का इस्तेमाल भारतीय सेना सीमा और अंदरूनी इलाकों में कर सकती है. इसके साथ ही ऑल ट्रेन व्हीकल को भी भारतीय सेवा ने अपने बेड़े में शामिल किया है जिसका उपयोग भारतीय सेवा जम्मू कश्मीर में भौगोलिक स्थितियों में कर सकती है.
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