Jammu and Kashmir News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद मीर (Ghulam Ahmad Mir) ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में लाई गई नई भूमि नीति (New Land Policy) ''जनविरोधी और कठोर'' है तथा इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के पूर्व अध्यक्ष मीर ने दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के दामहाल खुशीपुरा में बूथ स्तर के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.


यह कानून जनविरोधी और कठोर


उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर में पट्टाधारकों से जमीन का कब्जा सरकार को वापस करने के लिए कहे जाने के मद्देनजर आई. मीर ने आरोप लगाया, 'इसका मतलब है कि दशकों पहले पट्टे पर दी गई भूमि पट्टे की अवधि पूरी होने पर वापस सौंपनी होगी, जिसे जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के विकास के लिए उपयोग करने की आड़ में उचित ठहराया जा रहा है, लेकिन कानून जनविरोधी और कठोर है तथा इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए.”


उन्होंने कहा कि मनगढ़ंत और भ्रामक प्रचार कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा अपनाई गई गलत नीतियों के खिलाफ लड़ने से नहीं रोक पाएगा. मीर ने बाद में पत्रकारों से कहा कि पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जनवरी के अंतिम सप्ताह में जम्मू-कश्मीर पहुंचेगी.  उल्लेखनीय है कि अभी कांग्रेस ने अपनी इस यात्रा का केवल 10 जनवरी तक का ही कार्यक्रम जारी किया है. 10 जनवरी को यात्रा पंजाब के पठानकोट में होगी.


यह कश्मीरियों को अलग-थलग करने का प्रयास


बता दें कि जम्मू-कश्मीर को लेकर लाई गई नई भूमि नीति का विपक्षी दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है. बृहस्पतिवार को पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने  कहा था  कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन की नई भूमि नीति “बिना मकसद के नहीं” है और यह कश्मीरियों को अलग-थलग करने का प्रयास है. 


लोन ने एक ट्वीट में कहा, “नई भूमि नीति देश के बाकी हिस्सों जैसी नहीं है। यह कश्मीरियों को स्पष्ट रूप से अलग-थलग करने का काला अध्याय शुरू कर सकती है. दुनियाभर में और भारत में किराए के लिए अनुबंध के नियम काफी सरल और समान तर्ज पर हैं। लेकिन कश्मीर में ये अलग हैं और ऐसा बिना मकसद के नहीं हैं.”


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