Jammu and Kashmir : श्रीनगर में 125 वर्ष पुराने सेंट ल्यूक गिरजाघर को बुधवार को 30 साल बाद फिर से खोल दिया गया. यह कश्मीर के सबसे पुराने गिरजाघरों में शुमार है और इसे क्रिसमस से कुछ दिन पहले खोला गया है.


आतंकवाद पनपने के बाद किया गया बंद 


1990 के दशक में घाटी में आतंकवाद पनपने के बाद इसे बंद कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि यहां शहर के डलगेट इलाके में शंकराचार्य पहाड़ी की तलहटी में छाती रोग अस्पताल के पास स्थित गिरजाघर को बृहस्पतिवार को आधिकारिक तौर पर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन बुधवार को इसमें प्रार्थना की गई.


नवीनीकरण जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग द्वारा किया गया 


गिरजाघर का नवीनीकरण जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग द्वारा 'स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट' के तहत किया गया है. उन्होंने कहा कि गिरजाघर के जीर्णोद्धार और पुराने वैभव को बहाल करने के बाद 30 साल बाद इसे खोल दिया गया है. गिरजाघर के अधिकारी केनेडी डेविड राजन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बृहस्पतिवार को ऑनलाइन माध्यम से गिरजाघर का उद्घाटन करेंगे. उन्होंने कहा कि गिरजाघर के जीर्णोद्धार के बाद इसे फिर से खोले जाने से ईसाई समुदाय खुश है.


जब 1896 में की गयी थी स्थापना 


आपको बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि क्रिसमस से पहले यह ईसाईयों के लिए एक बड़ा तोहफा है.इस चर्च की स्थापना डॉ. अर्नेस्ट और डॉ. नेवे के द्वारा 1896 में  की गयी थी. 1990 से पहले यहां पर प्रार्थना और क्रिसमस पर सामूहिक विशाल सभा का भी आयोजन होता था. ऐसा माना जा रहा है कि क्रिसमस से पहले यह ईसाईयों के लिए एक बड़ा तोहफा है.


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