Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिए पुनर्वास नीति मंजूर, जानिए क्या है मकसद?
सड़क पर रहने वाले बच्चे देखभाल और सुरक्षा की श्रेणी में आते हैं. किशोर न्याय अधिनियम सरकार को ऐसे संकटग्रस्त बच्चों के पुनर्वास की नीति बनाने का अधिकार देता है.
Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिए पुनर्वास नीति मंजूर हो गई है. जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक परिषद की बैठक में पुनर्वास नीति (सीआईएसएसएस) को मंजूरी दी गई. बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) ने की. पुनर्वास नीति की स्वीकृति का मकसद बच्चों को विभिन्न खतरों से बचाना है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि किशोर न्याय अधिनियम के सिद्धांतों के अनुसार, सड़क पर रहने वाले बच्चे देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों की श्रेणी में आते हैं.
सड़कों पर रहनेवाले बच्चों के लिए पुनर्वास नीति मंजूर
अधिनियम सरकार को ऐसे संकटग्रस्त बच्चों के पुनर्वास की नीति बनाने का अधिकार देता है. इससे पहले समाज कल्याण विभाग ने एमडी, आईसीपीएस (अब मिशन वात्सल्य) के माध्यम से ऐसे सीआईएसएसएस की पहचान के लिए एक अभियान चलाया और अब तक 687 बच्चों की पहचान की जा चुकी है. नीति के अनुसार, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा, एचएंडयूडीडी, आरडीडी, गृह, श्रम और रोजगार विभागों को नीति के सही कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट भूमिकाएं और जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.
जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक परिषद की हुई बैठक
केंद्र शासित प्रदेश में कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति काम करेगी. जम्मू-कश्मीर में ऐसे सभी बच्चों के भविष्य की सुरक्षा के लिए नीति के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी होगी. सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाले जी20 कार्यक्रमों के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को मासिक रेडियो प्रोग्राम 'आवाम की आवाज़' के जरिए जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाले जी20 कार्यक्रमों 'मेरी सरकार जम्मू-कश्मीर' पर बात की. उन्होंने प्रदेश के नागरिकों से सुझाव और विचार मांगा है. विचार और सुझाव भेजने के लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है.