Doda Landslide News: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) शहर की तरह ही जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के डोडा (Doda) इलाके में भी घरों में दरारें दिख रहीं हैं. ऐसे में यहां के लोग दहशत में हैं. वहीं यहां के डीएम का कहना है कि इस इलाके का बचना मुश्किल है. दरअसल, पिछले दिसंबर में प्रशासन को एक घर में दरारों की सूचना मिली थी.


डोडा के जिलाधिकारी अतहर अमीन जरगर के अनुसार अब कल यानी 2 फरवरी तक 6 इमारतों में दरारें आईं हैं, लेकिन अब ये दरारें लगातार बढ़ रही हैं. दरारों के साथ ही ये इलाका नीचे की ओर धंस रहा है, इसका बचना मुश्किल है. वहीं सरकार की कोशिश है कि इसे यहीं रोक दिया जाए.





जोशीमठ में लगातार हो रहा है भू-धसांव
वहीं जोशीमठ में पिछले एक साल में 500 से ज्यादा मकानों में दरारें आ गई हैं. स्थानीय लोग इसे जोशीमठ की पहाड़ी के नीचे सुरंग से होकर गुजरने वाली एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. साल 2021 नवंबर में जोशीमठ के गांधीनगर में एकाएक मकानों में दरारें आनी शुरू हुई, जो बढ़ती चली गईं. गांधीनगर छावनी बाज़ार में  30 मकानों में दरारें आई हैं यहां पर भू-धंसाव हो रहा है. इसको लेकर जनप्रतिनिधियों ने 16 नवंबर 2021 को प्रदर्शन कर प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी.


कई लोगों ने छोड़ा अपना घर

पहले इन दरारों व  भू-धंसाव को मानसून के दौरान एक क्षेत्र में सामान्य भू-धसाव मानकर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन धीरे-धीरे भवनों, खेतों में दरारों का दायरा बढ़ता गया. फिर मनोहर बाग, टीसीपी बाजार, नृसिंह मंदिर, दौडिल, रविग्राम सहित सुनील गांव में भी भवनों पर दरारें व  भू-धंसाव होने से जनता आंदोलित हो गई. नगर पालिका परिषद द्वारा कराई गई सर्वे के अनुसार नगर में 500 भवनों में दरारें चिन्हित की गई हैं. नगर में दहशत के चलते 30 से अधिक लोग मकान खाली कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं.