Jammu-Kashmir Police Medal Redesigned: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) प्रशासन के वीरता और मेधावी सेवा के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस पदक (Police Medal) पर अंकित नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के संस्थापक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला (Sheikh Muhammad Abdullah) की तस्वीर को हटाने के फैसले पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं मिली हैं. अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की कि वीरता और मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक पर अब शेख अब्दुल्ला की छवि नहीं होगी, जिसे राष्ट्रीय प्रतीक से बदल दिया जाएगा.
23 मई को जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया है, "यह आदेश दिया जाता है कि जम्मू और कश्मीर पुलिस पदक योजना के पैरा 4 में संशोधन करते हुए पदक के एक तरफ उभरी हुई शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की तस्वीर को बदल दिया जाएगा. भारत सरकार का राष्ट्रीय प्रतीक, और दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर राज्य के प्रतीक के साथ खुदा हुआ है, वीरता/मेधावी पदक के मामले में 'शौर्य के लिए जम्मू और कश्मीर पदक' और 'मेधावी सेवा के लिए जम्मू और कश्मीर पुलिस पदक' के रूप में अंकित किया जाएगा."
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370 हटने के बाद प्रशासन ने किए हैं ये बदलाव
जनवरी 2020 में यूटी प्रशासन द्वारा शेर-ए-कश्मीर को हटाकर मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक का नाम बदलने के बाद यह आदेश आया. अनुच्छेद 370 और 35अ के निरस्त होने के बाद 5 दिसंबर को शेख अब्दुल्ला के जन्मदिन को जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक छुट्टियों की सूची से हटा दिया गया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का तर्क है कि अब्दुल्ला का नाम पदक और छुट्टियों की सूची से हटाने का निर्णय भाजपा की राजनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कश्मीरी लोगों की पहचान और इतिहास को निशाना बनाना है.