Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir administration) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen chief) के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे और आतंकी वित्तपोषण (Terrorist Financing) मामले में आरोपी बिट्टा कराटे की पत्नी सहित चार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सभी चारों कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत बर्खास्त किया गया है जिसमें सरकार को बिना किसी जांच के अपने कर्मचारी को निष्कासित करने की शक्ति प्राप्त है.


 प्रशासनिक सेवा में अधिकारी थी पत्नी
अधिकारियों ने बताया कि फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे इस समय आतंकवाद वित्तपोषण मामले में न्यायिक हिरासत में है. उसकी पत्नी अस्सबाह-उल-अर्जमंद खान जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा में अधिकारी थी और ग्रामीण विकास निदेशालय में कार्यरत थी.






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और किन्हें किया गया बर्खास्त
अधिकारियों ने आगे बताया कि सैयद अब्दुल मुईद उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधक था. वह पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन का बेटा है. अधिकारियों ने बताया कि अन्य बर्खास्त कर्मियों में वैज्ञानिक डॉ.मुहीत अहमद भट्ट और कश्मीर विश्वविद्यालय में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक माजिद हुसैन कादरी शामिल हैं.


बिट्टा कराटे पर 1990 के दशक के दौरान कई अन्य कश्मीरी पंडितों की हत्या करने का आरोप है. वह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का एक शीर्ष कमांडर था जिसे जून 1990 में गिरफ्तार किया गया था. उसे हत्या और जबरन वसूली के आरोपों में मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व कमांडर को अलग-अलग जेलों में 16 साल बिताने के बाद 24 अक्टूबर, 2006 को जम्मू की एक अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था. उसे 2019 में कथित आतंकी वित्तपोषण के आरोप में फिर से गिरफ्तार किया गया था. इस बीच, जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों के निलंबन से संबंधित अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है.


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