(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी ने जारी की आठ प्रत्याशियों की सूची, किसे बनाया कहां से प्रत्याशी?
Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी संसदीय अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद दिलावर मीर ने कहा कि पार्टी ने आठ सीटों पर प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अधिकृत किया है.
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर रानजीति चरम पर है. पहले चरण के लिए सियासी पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों को टिकट देने और नामांकन का काम जारी है. इस बीच जम्मू और कश्मीर की अपनी पार्टी ने बुधवार (21 अगस्त) को विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. अपनी पार्टी ने पहली सूची में दक्षिण कश्मीर के लिए आठ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है.
जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी संसदीय अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद दिलावर मीर ने पहली सूची जारी करने पर खुशी का भी इजहार किया. उन्होंने कहा कि जिन सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अधिकृत किया है, उनके नाम पर पार्टी अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने अपनी मंजूरी दे दी है.
ये हैं अपनी पार्टी के आठ उम्मीदवार
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के जिन नेताओं को प्रत्याशी बनाया गया है, उनमें पहलगाम से रफी अहमद मीर, अनंतनाग से हिलाल अहमद शाह, बिजबेहरा से तारीक शाह वीरी, डीएच पोरा से अब्दुल माजिद पद्दार, देवसर से रियाज अहमत भट्ट, जैनापोरा से एडवोकेट गौहर हसन वानी, पंपोर से मीर अल्ताफ और शोपियां से एडवोकेट ओवैस खान का नाम शामिल है.
जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को पहले चरण में जिन 24 सीटों पर वोटिंग होनी है, उनमें से 16 सीटें कश्मीर घाटी और आठ सीटें जम्मू इलाके की है. पहले चरण के लिए 27 अगस्त तक नामांकन भरे जा सकते हैं. वहीं, संभावना है कि एक दो दिनों में पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दे.
10 साल बाद हो रहे हैं चुनाव
बता दें कि जम्मू और कश्मीर में 10 साल बाद 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. तब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. बीजेपी को 25 सीटों पर जीत मिली थी. इसके अलावा कांग्रेस ने 12 और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 87 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए थे. बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 44 सीटों की जरूरत थी. उस समय पीडीपी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
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