जम्मू कश्मीर में पहले चरण के चुनाव के लिए थमा प्रचार, 23 लाख से अधिक वोटर्स 219 उम्मीदवारों का करेंगे फैसला
Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू कश्मीर में विधानसा चुनाव के पहले चरण में 18 सितंबर को वोट डाले जाएंगे. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यहां यह पहला विधानसभा चुनाव होगा.
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए सोमवार (16 सितंबर) को प्रचार का शोर थम गया. बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अपना पूरा जोर लगा दिया. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किश्तवाड़ और रामबन जिलों में तीन रैलियों को संबोधित किया. कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणापत्र ‘हाथ बदलेगा हालात’ जारी किया.
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में 100 फीसदी फसल बीमा सहित कई कल्याणकारी उपायों का वादा किया गया. जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को है. चुनाव मैदान में 219 उम्मीदवार उतरे हैं.
जम्मू कश्मीर में पहले चरण में कहां-कहां चुनाव?
पहले चरण में 18 सितंबर को जम्मू क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के तीन जिलों में फैली चिनाब घाटी की आठ सीटों के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा.
पहले चरण में 23 लाख से अधिक वोटर्स मतदान के पात्र
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कुल 23.27 लाख मतदाता मतदान करने के पात्र हैं और वे 219 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करेंगे.’’प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं ने एक महीने पहले चुनावों की घोषणा के बाद से अपनी-अपनी पार्टियों या गठबंधनों के लिए प्रचार किया.
कुल 3,276 मतदान केंद्रों में से 2,974 केंद्र ग्रामीण इलाकों में और 302 शहरी इलाकों में होंगे. पहले चरण के चुनाव के लिए 14,000 से अधिक मतदान कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा. पहले चरण के लिए BJP के स्टार प्रचारकों ने मुख्य रूप से जम्मू क्षेत्र के चुनावी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपने प्रचार अभियान में कश्मीर घाटी और जम्मू के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की.
विपक्षी दलों के प्रचार अभियान का मुख्य मुद्दा जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना रहा है.अगस्त 2019 में, केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.
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