जम्मू कश्मीर में दिखी बदलाव की लहर! घाटी में 1987 के बाद पहली बार उम्मीदवार घर-घर जाकर कर रहे प्रचार
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: श्रीनगर की ईदगाह सीट से चुनाव लड़ रहे पीडीपी उम्मीदवार खुर्शीद आलम ने कहा कि हम पहले शाम ढलने से पहले घर वापस आ जाते थे, लेकिन अब प्रचार एक बजे तक चलता है.
Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हुई है. इस चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस साथ में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं बीजेपी अपने छोटी पार्टियों के साथ चुनावी मैदान में है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां इन दिनों जोर शोर से चुनाव प्रचार कर रही हैं. इस बीच 1987 के विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार कश्मीर घाटी में घर-घर जाकर देर रात तक चुनाव प्रचार किया जा रहा है.
उम्मीदवार कर रहे डोर-टू-डोर प्रचार
इस बार 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होने वाले चुनावों से पहले शांति और कम होते आतंकवाद के संकेत लोगों को आसानी से देखने को मिल रहे हैं. अब सेना की कड़ी सुरक्षा के बीच दूर से लोगों को संबोधित करने के बजाय उम्मीदवार डोर-टू-डोर प्रचार के दौरान लोगों से हाथ मिला रहे हैं. साथ ही समर्थकों को गले लगाते हैं और चाय का आनंद लेते हैं. श्रीनगर में ईदगाह सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व एमएलसी और पीडीपी उम्मीदवार खुर्शीद आलम ने कहा कि "हम पहले शाम ढलने से पहले घर वापस आ जाते थे, लेकिन अब प्रचार एक बजे तक चलता है."
40 साल बाद दिखी ऐसी जन भागीदारी
पुलवामा राजपुरा के गुलजार अहमद ने कहा कि "पिछले 40 सालों में इस तरह की भागीदारी कभी नहीं देखी गई. जो लोग पहले नेताओं का अपने घर में स्वागत करने से डरते थे, अब वो खुले दिल से नेताओं का स्वागत करते हैं. पहले उम्मीदवार भी घर-घर जाकर प्रचार करने से डरते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि हुर्रियत नेता और आतंकवादी संगठन चुनाव बहिष्कार और पत्थरबाजी कर सकते हैं. फिलहाल अब लोग अपने घरों से निकलकर अपनी समस्याओं को लेकर सीधे राजनेताओं के पास जा रहे हैं."
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शांतिपूर्ण चुनाव प्रचार से मतदान में बढ़ोतरी होगी, जो घाटी में पिछले 40 वर्षों में अधिकांश समय सिंगल डिजिट में रही है. बता दें इस साल हुए लोकसभा चुनावों में श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदान चार दशक के अधिकतम स्तर 38.5 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो कि घाटी में बदलाव का संकेत था. बता दें इस चुनाव में 90 विधानसभा सीटों में से सात पर प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार भी विधानसभा में जगह बनाने के लिए मैदान हैं.
कब होंगे चुनाव
जम्म-कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के साथ ही 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होगा और आठ अक्टूबर को मतों की गिनती होगी. बता दें जम्मू-कश्मीर में कुल 114 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन राज्य में विधानसभा सीटों के डिलीमिटेशन के बाद चुनाव केवल 90 सीटों पर ही होंगे. बाकी 24 सीटें POK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आती हैं.