Engineer Rashid Latest News: टेरर फंडिंग मामले में अंतरिम जमानत पर बाहर आए सांसद इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) पहली बार जम्मू-कश्मीर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनाव में कश्मीर और कश्मीरियत की जीत होगी. इंजीनियर राशिद ने कहा कि मैं केवल इतना कहूंगा कि सत्य की जीत होगी. कश्मीर अपने महत्वपूर्ण पड़ाव पर है और यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है.


इंजीनियर राशिद ने आगे कहा, ''मैं कश्मीर के लोगों से कहना चाहता हूं हम कमजोर नहीं है. कश्मीर की जनता जीतेगी जो 5 अगस्त 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्णय लिया था, वह हमलोगों को स्वीकार नहीं हो सकता.'' उन्होंने कहा, "यहां सभी लोग अपने दम पर हैं और मैं सभी को बताता हूं कि संसद चुनाव में वोट भावनात्मक रूप से नहीं बल्कि उत्पीड़न के खिलाफ वोट था. कश्मीर के लोग पत्थरबाजी करके खुश नहीं हैं, बल्कि वे उत्पीड़न का जवाब दे रहे हैं.


इंजीनियर राशिद ने कहा, "मैं बीजेपी से कहता हूं कि उन्हें कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत और शांति वार्ता शुरू करनी चाहिए अन्यथा वे अब अस्तित्व में नहीं रहेंगे. मुझे विधानसभा में 50 और इंजीनियर दीजिए मैं मुद्दों को हल करूंगा. मैं अपने उम्मीदवारों से किसी भी लालच का शिकार नहीं होने के लिए कहता हूं. मेरा सेल मकबूल भट्ट और अफजल गुरु की कब्र से सिर्फ 150 मीटर की दूरी पर था और अगर मेरी मौत भी वहीं हुई होती तो भी हमारे लिए कीमत बहुत कम होती.


राशिद ने कहा कि शेख अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला के बाद सबसे बड़े गद्दार मुफ्ती मोहम्मद सैयद थे जो बीजेपी को यहां लाए थे, अगर पाकिस्तान से आतंकवाद के चलते बात नहीं हो सकती तो हुर्रियत पर जुल्म करके यहां कैसी बात हो सकती है. साथ ही उन्होंने कहा, "मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से ज्यादा वोट से चुनाव जीता है. अगर पीएम मोदी कामयाब होते तो वाराणसी में हम से ज्यादा वोट मिलते."






जम्मू-कश्मीर के लोग एकजुट- राशिद


इंजीनियर राशिद ने बारामूला से लोकसभा का चुनाव जीता है और उनकी पार्टी ने विधानसभा में भी प्रत्याशी उतारे हैं. उनके जेल से बाहर आना और प्रत्याशियों का खड़ा करना पीडीपी और एनसीपी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. एनसीपी और पीडीपी ने उनपर प्रॉक्सी होने का आरोप लगाया है.  उधर, इंजीनियर राशिद ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ''जम्मू-कश्मीर के लोग सफलतापूर्वक न्याय के लिए लड़ेंगे क्योंकि वे एकजुट हैं. पीएम मोदी की तथाकथित नया कश्मीर असफल है.''






बता दें कि राशिद ने जेल से बाहर आने के बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और उमर अब्दुल्ला पर जमकर हमला बोला था. उमर अब्दुल्ला के आरोपों पर राशिद ने कहा था कि जो लोग बिल्ली की तरह छुपे बैठे थे आज वोट के लिए बाहर आए हैं. वह अपने पिता को सीएम बनाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मैं अपने लोगों के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं. बीजेपी का प्रॉक्सी बताने पर राशिद ने कहा कि उमर अब्दुल्ला की किस बात का भरोसा किया जाए, लोकसभा चुनाव लड़ने पर कहते थे कि उन्हें पता होता कि मैं बारामूला से लड़ रहा हूं तो चुनाव नहीं लड़ते और अब मुझे बीजेपी का एजेंट बता रहे हैं. 


इंजीनियर राशिद को दिल्ली की एक अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए 1 अक्टूबर तक जमानत दी है. इसके बाद उन्हें जेल में सरेंडर करना होगा. उन्हें 2019 में टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था, तभी से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे. जेल से बाहर आने के बाद वह अपने परिवार और अपने लोगों के बीच कश्मीर पहुंचे हैं. 


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