Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कोई मतदाता नहीं छूट जाए यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग डल झील में तीन तैरते मतदान केंद्र बनाएगा. साथ ही नियंत्रण रेखा पर भी एक मतदान केंद्र बनाया जाएगा जोकि अपने आप में बेहद ही खास होगा. 


नियंत्रण रेखा पर बनाया जाने वाला मतदान केंद्र 'विशेष रूप से' अनुसूचित जनजाति के लिए है क्योंकि यहां 100 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति (ST) की है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस तरह के पोलिंग सेंटर बनाने की घोषणा की है.


जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इन 'अनूठे' मतदान केंद्रों की स्थापना का उद्देश्य गैर पहुंच वाले इलाकों तक संपर्क सुनिश्चित करना है. डल झील में बने तीन तैरते मतदान केंद्रों तक मतदान दल को नावों और शिकारों से ले जाया जाता है.


मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, ''तीनों मतदान केंद्रों में से एक केंद्र 'खार मोहल्ला आबी करपोरा' में केवल तीन मतदाता हैं. गुरेज विधानसभा क्षेत्र में कोरागबल मतदान केंद्र भारतीय और पाकिस्तानी क्षेत्रों के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थित है.'' उन्होंने कहा, 'यह मतदान केंद्र विशेष रूप से 100 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी के लिए है''. 


लोकसभा चुनाव में इस मतदान केंद्र पर 80.01 प्रतिशत मतदान हुआ था. 'सीमारी कुपवाड़ा जिले का पहला मतदान केंद्र है. सीईसी ने कहा, ''रसद और सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद यहां लगातार उच्च मतदान प्रतिशत रहता है.'' 


जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. निर्वाचन आयोग के चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक यहां 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में मतदान होगा. नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. यहां विधानसभा की 90 सीट हैं. 


18 सितंबर को पहले चरण में 24 सीट पर मतदान होगा, जबकि 25 सितंबर को दूसरे चरण में 26 और एक अक्टूबर को तीसरे चरण में 40 सीट पर चुनाव होंगे. जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2014 में पांच चरणों में हुआ था.


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