भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना को बुधवार (28 अगस्त) को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा क्योंकि नाराज कार्यकर्ताओं ने रियासी जिले में श्री माता वैष्णो देवी सीट से पार्टी नेता रोहित दुबे को टिकट नहीं दिए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा. उम्मीदवारों की संशोधित सूची में दुबे के स्थान पर पूर्व विधायक बलदेव राज शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है. रैना के कटरा पहुंचने पर दुबे के समर्थक सड़कों पर उतर आए.


दुबे के स्थान पर शर्मा को मैदान में उतारने के बीजेपी के फैसले के विरोध में पार्टी कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने राजमार्ग को जाम कर दिया. श्री माता वैष्णो देवी सीट पर 25 सितंबर को दूसरे चरण में 25 अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के साथ मतदान होगा. यहां बीजेपी कार्यालय में विरोध प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा, जिसमें जम्मू के चंब निर्वाचन क्षेत्र के नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं के एक नए समूह ने वहां से पूर्व विधायक राजीव शर्मा को मैदान में उतारने के खिलाफ नारेबाजी की. जम्मू के त्रिकूट नगर स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि टिकट किसी बाहरी व्यक्ति के बजाय स्थानीय नेता को मिलेगा. 


 29 उम्मीदवारों की सूची में मिला जगह
जम्मू-कश्मीर की 24 सीटों के लिए पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होगा, जबकि 40 सीटों के लिए अंतिम और तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा. मतगणना चार अक्टूबर को होगी. रियासी के बीजेपी जिला अध्यक्ष दुबे का नाम सोमवार को पार्टी द्वारा जारी 44 उम्मीदवारों की प्रारंभिक सूची में था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया. हालांकि, मंगलवार को जारी 29 उम्मीदवारों की सूची में, पार्टी ने दुबे की जगह शर्मा को उम्मीदवार बनाया, जबकि पहले घोषित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अन्य सभी नाम बरकरार रहे. जैसे ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पार्टी कार्यालय पहुंचे, सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और दुबे को टिकट न देने और उनकी जगह शर्मा को टिकट देने के लिए स्पष्टीकरण की मांग की. 


जल्द ही रोकना पड़ा अपना भाषण
रैना ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम जानते हैं कि दुबे बीजेपी के एक मेहनती और समर्पित सदस्य हैं, जिनका परिवार पीढ़ियों से पार्टी से जुड़ा हुआ है...हम चुनाव मोड में हैं और हमें अपनी पार्टी के मिशन-राष्ट्र प्रथम, पार्टी दूसरे स्थान पर और स्वयं को अंतिम मानकर, साथ मिलकर लड़ना है.’’ रैना के भाषण के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने बार-बार नारेबाजी की और स्पष्ट शब्दों में जवाब मांगा कि दुबे को टिकट दिया जाएगा या नहीं. दुबे द्वारा उन्हें शांत करने के प्रयासों के बावजूद पार्टी कार्यकर्ता उठ खड़े हुए और जल्द ही उन्हें अपना भाषण रोकना पड़ा. रैना ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुबे बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता हैं, जिनके परिवार का जनसंघ के दिनों से पार्टी को समर्थन देने का इतिहास रहा है. वह हमेशा पार्टी के साथ रहेंगे.’’ 


रैना से यह सवाल पूछा गया था कि दुबे के कई समर्थक उन पर इस निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं. दुबे के हस्तक्षेप पर कार्यकर्ता शांत हुए. दुबे ने कहा कि पार्टी के फैसले से कार्यकर्ता निराश हैं. दुबे ने वहां उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘मैं आज जो कुछ भी हूं, वह पार्टी की वजह से हूं और सड़क को अवरुद्ध करना तथा फंसे हुए वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों सहित यात्रियों को असुविधा पहुंचाना ठीक नहीं है. मुझे कल तक इंतजार करने को कहा गया है.’’ दुबे ने कहा कि वरिष्ठ नेता दिल्ली से आ रहे हैं और ‘‘हमें पार्टी के फैसले के बारे में पता चल जाएगा.’’


 पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि पहली सूची में शामिल होने के बाद मेरा नाम क्यों हटा दिया गया. अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि मैं आगे क्या करूंगा. पार्टी कार्यकर्ता जो भी फैसला करेंगे, मैं उनके फैसले का सम्मान करूंगा.’’ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने भी दुबे से मुलाकात की और कहा कि ‘‘वह मेरे छोटे भाई हैं.’’ पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘मैं अभी किसी भी पार्टी से जुड़ा नहीं हूं क्योंकि मैंने डीपीएपी छोड़ दी है...मुझे उनके लिए खुशी हुई थी जब उनका नाम बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया गया और मैंने उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया.


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