Jammu Kashmir Assembly Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली है. पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए तैयार दिख रहे हैं. इस बीच उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान दिल्ली की तरह ही जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री और LG के संबंधों को लेकर बात की है. उन्होंने कहा कि हम केंद्र के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध नहीं चाहते हैं.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि क्या दिल्ली की तरह एलजी और सरकार के बीच टकराव होगी. क्या आपको ऐसी आशंका है? इस पर उन्होंने कहा, ''मैं ऐसा नहीं चाहता. लेकिन ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है.''


'हम इस पारी की शुरुआत लड़ाई के इरादे से नहीं कर रहे'


उन्होंने आगे कहा, ''हम इस पारी की शुरुआत लड़ाई में उतरने के इरादे से नहीं कर रहे हैं. हम ईमानदारी से इसे एक अच्छे, स्वस्थ कामकाजी रिश्ते के मकसद से शुरू कर रहे हैं. हालांकि मैं एक पल के लिए भी यह नहीं कह रहा हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस बीजेपी का विरोध करना बंद कर देगी और ना ही हम उम्मीद करते हैं कि बीजेपी हमारा विरोध करना बंद कर देगी. हम एक-दूसरे पर हथौड़ा चलाएंगे.


NC के विधायक दल के नेता ने कहा, ''मैं नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी क्या करती है और जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार क्या करती है, के बीच एक रेखा खींचने की कोशिश कर रहा हूं. अगर हम यह सुनिश्चित कर सकें कि वे रेखाएँ धुंधली न हों और किसी तरह हम एक साथ अच्छा काम करने में सक्षम हों, तो यह दोनों के पारस्परिक लाभ के लिए होगा. अगर जम्मू-कश्मीर अच्छा प्रदर्शन करता है, तो देश के पास श्रेय लेने के लिए कुछ है.''


'LG के साथ लड़ने से वोटर्स की चिंता दूर नहीं होगी'


उन्होंने आगे कहा, ''हम एक राज्य नहीं हैं. हम आकार में जितने छोटे हैं, अपने महत्व के मामले में हम अपने वजन से काफी ऊपर हैं. दिल्ली एक रेवेन्यू प्लस केंद्रशासित प्रदेश है, जबकि जम्मू और कश्मीर गंभीर रूप से राजस्व घाटे वाला क्षेत्र है. पहले दिन से LG के साथ लड़ाई में शामिल होने से मुझे जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं की चिंताओं को दूर करने में कैसे मदद मिलेगी? उन्होंने कहा कि आख़िरकार, यहां के लोगों ने इस गठबंधन को इसलिए वोट नहीं दिया है कि हम बस लड़ते रहे.''


बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में एनसी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 90 में से 49 सीटें हासिल कीं, जिसमें एनसी को 42 सीटें और कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें मिलीं, जबकि सीपीएम के खाते में एक सीट आई. वहीं, बीजेपी ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की. पीडीपी को 3 और आम आदमी पार्टी को 1 सीट मिली. वहीं, यहां 7 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतकर आए.


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