Jammu-Kashmir: चिनाब नदी पर देश का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनकर तैयार, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिया पहला ट्रायल रन
Jammu: उधमपुर-कटरा-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पूरा होने से न केवल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कश्मीर घाटी से आने-जाने वाले लोगों के लिए परिवहन का सुरक्षित साधन भी उपलब्ध होगा.
Jammu Kashmir News: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर ट्रैक पर लगे वाहन का पहला ट्रायल रन किया. ट्रायल रन उधमपुर-कटरा-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के पूरा होने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो जनवरी 2024 में घाटी को देश के बाकी हिस्सों से ट्रेन से जोड़ेगा. चिनाब ब्रिज जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का एक हिस्सा है. इसे भविष्य में सबसे शानदार ट्रेन यात्राओं में से एक माना जा रहा है. ट्रैक पर लगे वाहन के सफल ट्रायल रन के बाद ब्रिज जल्द ही चालू हो जाएगा.
रेल मंत्री के साथ उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल और यूएसबीआरएल परियोजना और उत्तर रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी चिनाब पुल के अपने आधिकारिक निरीक्षण दौरे के दौरान मौजूद थे. वैष्णव ने चिनाब पुल पर चल रही ट्रॉली के के अलावा मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास पर विशेष ध्यान दिया है. चिनाब पुल, ये सभी सुरंगें यह जम्मू-कश्मीर के लिए जीवन रेखा बन जाएगी. उन्होंने कहा कि परियोजना श्रीनगर जिले को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी और यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक विकास है.
पर्यटन और आर्थिक विकास को मिलेगा फायदा
उधमपुर-कटरा-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के पूरा होने से न केवल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कश्मीर घाटी से आने-जाने वाले लोगों के लिए परिवहन का एक विश्वसनीय और सुरक्षित साधन भी उपलब्ध होगा. यह आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलेगा. उन्होंने कहा कि परियोजना सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और चिनाब पुल के सफल परीक्षण के साथ परियोजना का पूरा होना अब पहले से कहीं ज्यादा करीब है. रेल मंत्री ने यह भी कहा कि वे जम्मू में एक विशेष प्रशिक्षण अकादमी स्थापित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, जहां भी हमारे इंजीनियरों और तकनीशियनों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है, वे इस परियोजना में आ सकते हैंऔर यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. इससे देश के अन्य हिस्सों को भी इस परियोजना से लाभ मिल सकता है.