Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पर मतदान होने से पहले इस पर निर्णय लेगी. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अब भी, यह एक कैबिनेट प्रस्ताव है और अब तक संसद में पेश नहीं किया गया है. इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए. इसका वही हश्र नहीं होना चाहिए, जो अनुच्छेद 370 का हुआ था.
कश्मीर के नए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन पर संसद में खुली चर्चा होनी चाहिए, जो इस पर फैसला करेगी. उन्होंने कहा कि जहां तक नेशनल कॉन्फ्रेंस का सवाल है, हम एक राय बनाएंगे और उसके अनुसार, अपने सांसदों को बताएंगे कि वोट कैसे देना है.
मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों की भूमिका, जिम्मेदारियों और शक्तियों को परिभाषित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कामकाज संबंधी नियम जारी करने में देरी पर उन्होंने कहा कि यह दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत तक पूरा होने की संभावना है.
दरबार मूव पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने 'दरबार मूव' को फिर से शुरू करने के अपने फैसले का बचाव किया, जो एक पुरानी परंपरा है जिसके तहत प्रदेश में छह-छह महीने के लिए प्रशासनिक केंद्र जम्मू और श्रीनगर होता है. डोगरा शासकों द्वारा लगभग 150 साल पहले शुरू की गई इस परंपरा पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 2021 में रोक लगा दी थी.
'बीजेपी की गलती को सुधारेंगे'
बीजेपी पर जम्मू के लोगों के खिलाफ अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय पार्टी द्वारा की गई हर गलती को ठीक करेगी. उन्होंने कहा, "यह बीजेपी ही थी जिसने 'दरबार मूव' को रोका और जम्मू के साथ ज्यादती की. उन्होंने हर तरह से इस क्षेत्र के साथ अन्याय किया है. उन्होंने इसका नक्शा और महाराजा (अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह) द्वारा छोड़ी गई हर चीज को नष्ट कर दिया."
मंत्रिमंडल विस्तार पर दिया ये जवाब
गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को सरकार में शामिल करने के लिए अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि आपको इससे क्या लेना-देना है और यह मेरा काम है. उन्होंने अपनी सरकार की विपक्ष द्वारा आलोचना को खारिज कर दिया और कहा कि हम पांच साल का शासन पूरा होने के बाद अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करेंगे.
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