जम्मू कश्मीर में विधायकों की सैलरी और विकास निधि पर सियासत गर्म, BJP बोली- 'जनता का है दबाव'
Jammu Kashmir Politics: उमर अब्दुल्ला सरकार में सहयोगी कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी के झूठ की पोल खुल रही है. कांग्रेस का बयान बीजेपी विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया का जवाब में आया है.
Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के दो महीने बाद भी चुने हुए विधायकों को सैलरी का पता नहीं है. माननीयों को अब तक निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि भी नहीं मिला है. ऐसे में बीजेपी और उमर अब्दुल्ला सरकार के बीच जुबानी जंग शुरू हो चुकी है. बीजेपी विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया का कहना है कि सैलरी और निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि का अब तक अता पता नहीं है. उन्होंने कहा कि विधायकों पर इलाके की समस्याओं के निपटारे का काफी दबाव है.
फंड के अभाव में हैंडपंप, टैंकर से जल पहुंचाने का मसला बरकरार है. जम्मू कश्मीर के पूर्व स्पीकर कविंद्र गुप्ता ने मामले को गंभीर माना है. उन्होंने कहा कि 10 साल बाद बनी नई सरकार से लोगों की आशाएं बहुत हैं. विधायकों के पास सैलरी और विकास निधि का अभाव है. इलाके में विकास के काम नहीं होने से जनता नाराज है. कविंद्र गुप्ता का मानना है कि सरकार को जल्द बिजनेस रूल बनाकर मसले का समाधान कर लेना चाहिए.
विकास निधि और सैलरी के मुद्दे पर घमासान
उमर अब्दुल्ला सरकार में सहयोगी कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी के झूठ की पोल खुल रही है. चुनाव के दौरान जनता से झूठे वायदे किए गए थे. अब पोल खुलने का डर बीजेपी को सता रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के शासन में अगर विधायक ही परेशान हैं तो आम जनता का क्या हाल होगा. कांग्रेस ने कहा कि उमर सरकार काम कर रही है. प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलने तक लोगों की मुश्किलें हल नहीं होंगी. सरकार का दावा है कि विकास को गति देने के लिए बिजनेस रूल्स को जल्द बना दिया जाएगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक दिन बाद उमर अब्दुल्ला ने पहली कैबिनेट की बैठक बुलाई. बैठक में जम्मू-कश्मीर का बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और रोजगार के अवसरों को मजबूत करने पर चर्चा हुई.