Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में गांदरबल जिले के कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने मंगलवार (3 सितंबर) को पार्टी को धमकी दी है. उनका कहा है कि अगर पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया तो वह नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.
उमर अब्दुल्ला गांदरबल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं मियां मेहर अली जिले के कंगन (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से 'एनसी' उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव पूर्व गठबंधन के अनुसार, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में एनसी 52 सीटों पर और कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ेंगे चुनाव
कांग्रेस जिला अध्यक्ष (गांदरबल) साहिल फारूक ने मंगलवार को धमकी दी कि अगर कांग्रेस उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह उमर अब्दुल्ला के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. साहिल फारूक ने कहा, "अगर हम पांच सीटों पर मैत्रीपूर्ण तरीके से लड़ सकते हैं, तो गांदरबल में क्यों नहीं? अगर अन्य निर्वाचन क्षेत्रों की तरह गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र में भी कांग्रेस और एनसी के बीच मैत्रीपूर्ण मुकाबला की अनुमति दी जाती है, तो मैं पार्टी के बैनर तले आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार हूं."
बने रहेंगे वफादार कांग्रेस कार्यकर्ता
उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी इस तरह के चुनाव की अनुमति नहीं देती है तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे, हालांकि वह एक वफादार कांग्रेस कार्यकर्ता बने रहेंगे. इसके अलावा उन्होंने गांदरबल में स्थानीय नेताओं की लगातार उपेक्षा पर भी निराशा व्यक्त की है. उन्होंने कहा, "मैं पार्टी के प्रति वफादार हूं, लेकिन गांदरबल के लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं."
उचित अवसर नहीं दिया गया स्थानीय नेताओं को
कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि गांदरबल को हमेशा फैसला लेने की प्रक्रिया से बाहर रखा गया है. अक्सर बाहरी लोगों को इस निर्वाचन क्षेत्र में थोपा जाता है. उन्होंने कहा, "गांदरबल को हमेशा बाहरी लोगों को स्वीकार करने के लिए क्यों मजबूर किया जाता है? हमारे स्थानीय नेताओं को कभी भी उचित अवसर नहीं दिया गया. अगर कांग्रेस नेतृत्व आज शाम तक कोई निर्णय नहीं लेता है, तो मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा."
बता दें कि यदि वह उमर अब्दुल्ला के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े होने का फैसला लेते हैं, तो यह निर्णय एनसी और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन को प्रभावित कर सकता है.
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