Jammu Kashmir Election 2024 Dates: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, जानें- पूरा शेड्यूल
Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Full Schedule: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का इंतजार अब खत्म हो गया है. निर्वाचन आयोग ने यहां के चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया है.
Jammu Kashmir Elections 2024 Date: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है जहां 2014 के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तित करने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं.
तीन फेज में जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे. पहला फेज 18 सितंबर, दूसरा फेज 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज का चुनाव होगा. नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 89 लाख 9 हजार वोटर हैं. इसमें 42.6 लाख महिला वोटर्स शामिल हैं. 11 हजार 838 पोलिंग स्टेशन होंगे. 90 सीटों में से 74 सामान्य सीटें, एसटी के लिए नौ और एससी के लिए सात सीटें रिर्जव हैं.
जम्मू-कश्मीर में मौजूदा विधानसभा सीटों की संख्या 90 है. इनमें से 43 जम्मू क्षेत्र में हैं जबकि कश्मीर क्षेत्र में 47 सीटें हैं. यहां मुख्य पार्टी बीजेपी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी है. हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की पांच में दो सीटों पर बीजेपी, दो पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और एक पर निर्लदीय ने चुनाव जीता था.
2014 विधानसभा चुनाव में पीडीपी बनी थी सबसे बड़ी पार्टी
2014 के वक्त जम्मू-कश्मीर में सीटों की संख्या 87 थी. इनमें से पीडीपी ने PDP 28, BJP ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15, कांग्रेस ने 12 और अन्य ने सात सीटें जीती थीं. PDP को 23 प्रतिशत, बीजेपी को 23 प्रतिशत, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 21 और कांग्रेस को 18 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे.
जम्मू-कश्मीर- 10 साल में क्या-क्या बदला?
जम्मू कश्मीर में बीते 10 वर्षों में काफी कुछ बदलाव हो गया है. यह अब राज्य नहीं रह गया बल्कि केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. लद्दाख का हिस्सा इससे अलग हो गया है और वह भी अब अलग केंद्र शासित प्रदेश है. लद्दाख का क्षेत्र अलग होने के बाद भी यहां विधानसभा सीटों की संख्या 87 से बढ़कर 90 हो गई है. अब यहां 6 साल की जगह 5 साल की सरकार रहेगी. इस बार का चुनाव पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की गैर-मौजूदगी में होंगे.
यहां का राजनीतिक समीकऱण बदल चुका है. पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाई है. लिहाजा उनकी पार्टी भी इस बार के चुनाव में किस्मत आजमाएगी. पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियां जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने की मांग कर रही है. पूर्ण राज्य ना बनाए जाने के कारण उमर अब्दुल्ला ने चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है.
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