पूर्व जज और NC के नेता रहे मुजफ्फर इकबाल खान निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, जम्मू-कश्मीर की इस सीट से जताई उम्मीदवारी
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: पूर्व जज और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व वरिष्ठ नेता मुजफ्फर इकबाल खान ने थन्नामंडी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद राजनीतिक दल जोरशोर से तैयारियों में जुटे हुए है. पार्टियों ने पहले चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान भी कर दिया है. वहीं कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. इसी बीच पूर्व न्यायाधीश और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व वरिष्ठ नेता मुजफ्फर इकबाल खान ने थन्नामंडी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
मुजफ्फर इकबाल खान ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "मैं बचपन से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस की विचारधाराओं से जुड़ा रहा हूं. मेरे पूर्वज नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़े थे. मैंने भी इसकी नीतियों का पालन किया. मैंने इस पार्टी को खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत की. हालांकि, उन्होंने मुझे नजरअंदाज कर दिया, लेकिन जब मैंने यहां के लोगों की हालत देखी, तो मैंने फैसला किया कि मैं उनके लिए चुनाव लड़ूंगा. मैं थन्नामंडी के युवाओं का आभारी हूं. मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा."
#WATCH राजौरी, जम्मू-कश्मीर: पूर्व न्यायाधीश और पूर्व वरिष्ठ एनसी नेता मुजफ्फर इकबाल खान थन्नामंडी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2024
उन्होंने कहा, "मैं बचपन से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस की विचारधाराओं से जुड़ा रहा हूं। मेरे पूर्वज नेशनल कॉन्फ्रेंस से… pic.twitter.com/RHLxUxAvYj
2014 के बाद पहली बार होगा विधानसभा चुनाव
बता दें लगभग 10 साल बाद जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा. पहले चरण में प्रदेश की 24 विधानसभा सीट पर 18 सिंतबर को मतदान होगा. इसी तरह दूसरे चरण जम्मू कश्मीर की 26 विधानसभा सीटों पर 25 सितंबर 2024 को वोटिंग होगी. तीसरे और आखिरी चरण में जम्मू कश्मीर की 40 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 2014 के बाद पहली बार होने वाले हैं. यहां पर 2018 में विधानसभा को भंग कर दिया गया था. इसके बाद अगस्त, 2019 में आर्टिकल 370 हटाकर इसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया. केंद्रशासित प्रदेश के तौर पर यहां पर पहली बार वोटिंग होने वाली है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या भी बढ़कर 90 हो गई है.
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