Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में पिछले चुनाव में सुरक्षा कारणों से पोलिंग बूथ (Polling Booth) को शिफ्ट किए जाने और रैलियों को कैंसल करने की घटनाएं सामने आई थीं. लेकिन इस बार निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चुनाव में वोटरों को भागीदारी बढ़ाने के लिए सुरक्षा अधिकारियों और प्रशासन को खास निर्देश दिए हैं कि वे बेवजह नेताओं को हिरासत में ना लें, पोलिंग बूथ को शिफ्ट ना करें और आखिरी वक्त पर रैलियों को रद्द ना करें. 


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने जम्मू-कश्मीर दौरे पर अधिकारियों से कहा कि पक्षपातपूर्ण तरीके से एहतियाती कदम नहीं उठाए जाने चाहिए और जिनका आपराधिक इतिहास है केवल उन्हें ही हिरासत में लिया जाना चाहिए. 


महबूबा ने लगाए थे गंभीर आरोप
पहले ऐसा देखा गया है कि चुनाव के वक्त राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था. पूर्व सीएम महबूब मुफ्ती ने लोकसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उठाया था और आरोप लगाए थे उनके पार्टी कार्यकर्ताओं और पोलिंग एजेंट को हिरासत में लिया गया है. 


बेवजह ना हो गिरफ्तारी - चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों से कहा कि चुनाव के दौरान बेवजह किसी को गिरफ्तार ना करें, केवल उन्हें ही गिरफ्तार किया जाए जिनका आपराधिक बैकग्राउंड है. एक अन्य बदलाव यह हुआ है कि चुनाव आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पोलिंग बूथ को मर्ज ना करें और ना ही पोलिंग बूथ को शिफ्ट करें. पहले के चुनावों में बूथ को मतदान से एक या दो दिन पहले बदल दिया गया था जिससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी. 


उत्साह पर आधारित है यह चुनाव- CEC
उम्मीदवारों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि वे रैलियों को आखिरी वक्त पर रद्द ना करें और समय पर रैलियों की इजाजत दें. इस पूरे मामले में राजीव कुमार ने कहा कि इस बार का चुनाव उत्साह और भागीदारी पर केंद्रित है. यह वास्तव में जश्न-ए-जम्हूरियत है.


जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोटिंग होने वाली है. वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी.


ये भी पढ़ें- Jammu Kashmir Election: आंतकी अफजल गुरु का भाई कहां से लड़ेगा चुनाव, किसी पार्टी ने दिया टिकट?