Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने पांच विधायकों के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार कर ली है. मामले की अंतिम सुनवाई 30 अप्रैल को होगी. याचिका में उपराज्यपाल के पूर्ण अधिकारों को चुनौती दी गई है. गुरुवार को न्यायमूर्ति संजीव कुमार और न्यायमूर्ति राजेश सेखरी की विशेष खंडपीठ ने सुनवाई की. पूर्व एमएलसी और जेकेपीसीसी के मुख्य प्रवक्ता एडवोकेट रविंदर शर्मा की याचिका पर सुनवाई हो रही है.
न्यायमूर्ति संजीव कुमार और न्यायमूर्ति राजेश सेखरी के सामने याचिकाकर्ता रविंदर शर्मा पेश हुए. उन्होंने पीठ को बताया कि कई अवसर दिए जाने के बावजूद प्रतिवादियों की तरफ से जवाब दाखिल नहीं किया गया है. उन्होंने सार्वजनिक महत्व का विषय बताते हुए पीठ से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया. अदालत ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
पांच विधायकों के मनोनयन का मामला
अगली सुनवाई की तारीख से पहले दलीलें पूरी नहीं होने पर और अवसर नहीं दिया जाएगा. इस बीच, एडवोकेट एसएस अहमद भी पेश हुए. उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. याचिकाकर्ता रविंदर शर्मा ने प्रार्थना पर कोई आपत्ति नहीं जताई. जनहित याचिका अब 30 अप्रैल को आएगी और अंतिम रूप से सुनवाई होगी. भले ही उस तिथि से पहले दूसरे पक्ष की ओर से कोई जवाब दाखिल न किया जाए.
हाई कोर्ट 30 अप्रैल को करेगा सुनवाई
बता दें कि उपराज्यपाल की तरफ से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच सदस्यों के मनोनयन की वैधता को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता रविंदर शर्मा का तर्क है कि उपराज्यपाल का कदम असंवैधानिक है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से भी सुनवाई की गुहार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता को कहा गया कि पहले हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए याचिका दायर करें.
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