Jammu-Kashmir: पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पैसा, हथियार और ड्रग्स पहुंचाने के लिए सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. पाकिस्तान (Pakistan) की इस ड्रोन वाली साजिश से निपटने के लिए अब जम्मू में बीएसएफ ने आम जनता के साथ-साथ स्कूली बच्चों को भी तैयार किया है.
जम्मू में भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे मढ़ इलाके में बीएसएफ के जवान और अधिकारी यहां के स्कूली बच्चों को ड्रोन से रूबरू करवा रहे हैं. बीएसएफ की ओर से हुए इस कार्यक्रम में न केवल स्कूली बच्चों को ड्रोन दिखाया गया बल्कि ड्रोन का पता लगाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है इसके गुण भी बच्चों को सिखाए गए.
बीएसएफ ने बच्चों के लिए लगाए विशेष कैंप
बीएसएफ (BSF) के इन जवानों और अधिकारियों ने यहां के स्कूली बच्चों को ड्रोन की पहचान करने और ड्रोन (Drone) की आवाज से वाकिफ कराने के लिए यहां एक विशेष कैंप लगाया था. बीएसएफ की मानें तो इस कैंप का मकसद पाकिस्तान की ड्रोन वाली साजिश को नाकाम करना है. कश्मीर घाटी में हुई बर्फबारी के बाद अब पाकिस्तान जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से ड्रोन के जरिए न केवल यहां सक्रिय आतंकियों तक हथियार और ड्रग्स पहुंचा रहा है बल्कि कई मामलों में यहां आतंकियों (Active Terorist) तक कैश पहुंचाने का काम भी कर रहा है.
स्कूली बच्चों को बताया ड्रोन की पहचान
बीएसएफ दावा कर रही है कि सीमा पर ड्रोन वाली साजिश से निपटने के लिए बीएसएफ ने जहां सीमा पर आधुनिक उपकरण लगाए हैं वही गांव में रहने वाले आम लोग भी ड्रोन का पता लगाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इस कैंप में पहुंचे स्कूली बच्चों की मानें तो उन्होंने ड्रोन के बारे में सिर्फ सुना था लेकिन ड्रोन का पता कैसे लगाया जाए और ड्रोन का पता लगने पर क्या करना है, इस बाबत उन्हें आज यह जानकारी दी गई.
ये भी पढ़ें : Shraddha Murder Case: आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा, अब इस दिन होगा नार्को टेस्ट