Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर से एक बार फिर जमीन धंसने का मामला सामने आया है. रामबन जिले के एक गांव में जमीन धंसने की वजह से 58 से अधिक घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. जिसकी वजह से 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) मानदंडों के तहत प्रभावित परिवारों को शीघ्र मुआवजा जारी करने की सुविधा के लिए पिछले तीन दिनों में पेरनोट गांव में भूमि धंसने के कारण हुए नुकसान का आकलन युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है.
500 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
प्राकृतिक आपदा ने गुरुवार शाम को गांव में तबाही मचाई, जिससे चार ट्रांसमिशन टावर, एक पावर रिसीविंग स्टेशन और गूल सब-डिवीजन को रामबन जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया. अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि रामबन जिला प्रशासन ने उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी, जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष भी हैं.
उनकी देखरेख में सभी प्रभावित परिवारों को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया है. अधिकारी ने कहा कि कुल 100 घर प्रभावित हुए हैं क्योंकि भूमि धंसने से 58 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 500 लोगों को निकाला गया है और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. खराब मौसम के बीच भी जिला प्रशासन ने लोगों को वहां से निकालने का काम किया.
अधिकांश परिवारों को सामुदायिक हॉल मैत्रा में किया शिफ्ट
अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन से प्रभावित अधिकांश परिवारों को सामुदायिक हॉल मैत्रा में शिफ्ट किया गया है. जहां राहत और सहायता सेवाएं पेरनोट पंचायत से संचालित हो रही हैं. प्रभावित गांव में बाधित बिजली आपूर्ति को फिर से शुरू करने के लिए जिला उपायुक्त ने जम्मू पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सब-ट्रांस सब डिवीजन की टीमों की आदेश दिया है.
इसके साथ ही बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बलों, पुलिस, नागरिक स्वयंसेवकों और अन्य संगठनों को जुटाने के साथ-साथ प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए रामबन ब्लॉक विकास अधिकारी यासिर वानी की देखरेख में एक 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.
पीड़ितों को शीघ्र मिलेगा मुआवजा
अधिकारियों के अनुसार, विस्थापितों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया है. जिला प्रशासन स्वास्थ्य शिविरों और पुनर्वास स्थलों पर स्वच्छता मानकों को बनाये रखने के लिए स्वच्छता और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसके अलावा, प्रभावित लोगों को समय पर स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक सामुदायिक रसोई शुरू की गई है. राजस्व, बागवानी, भेड़ पालन, पशुपालन, कृषि, ग्रामीण विकास, सड़क और भवन और अन्य संबंधित विभागों को नुकसान का आकलन करने का काम सौंपा गया है. एसडीआरएफ के मानदंडों के तहत पीड़ितों को शीघ्र मुआवजा जारी किया जाएगा.
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने शनिवार को केंद्र से जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में हाल ही में हुई भूमि धंसने की घटना का आकलन करने और ऐसी आपदाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपाय करने के लिए अपने शीर्ष विशेषज्ञों की एक टीम भेजने का आग्रह किया है.
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