Jammu Kashmir New CM: जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार का गठन हो गया है. इससे पहले उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि उमर अब्दुल्ला की सरकार के साथ किसी तरह के विवाद की स्थिति नहीं बनने देंगे. उन्होंने बताया कि नव निर्वाचित विधानमंडल और राजभवन के बीच संबंध कैसे होंगे. मनोज सिन्हा ने कहा, 'अब जबकि जनता ने जनादेश दे दिया है, निर्वाचित प्रतिनिधियों को जम्मू-कश्मीर के लोगों से शांति, समृद्धि और विकास के अपने वादों को पूरा करना चाहिए. इस लक्ष्य को पूरा करने में मेरा पूरा समर्थन नई सरकार के साथ रहेगा.'


इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में मनोज सिन्हा से सवाल किया गया कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में एलजी और सीएम के बीच लगातार खींचतान देखी जाती है. सीएम अक्सर शिकायत करते हैं कि वे फैसला नहीं ले पा रहे हैं या नियुक्तियां नहीं कर पा रहे. जम्मू-कश्मीर में भी ऐसी कोई स्थिति बने से कैसे रोका जाएगा? इस सवाल के जवाब में मनोज सिन्हा ने कहा, "इन सभी से निपटा जा सकता है. हम मिलकर ऐसे मुद्दों को सुलझाएंगे."


मनोज सिन्हा ने कहा, "मैं चार साल से जम्मू-कश्मीर में हूं और बहुत काम हुआ है और अब और भी बहुत कुछ किया जाना है. मुझे इसकी (किसी भी खींचतान) की उम्मीद नहीं है और कम से कम मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा, जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो. मेरी तरफ से टकराव की कोई वजह नहीं होगी."


मनोज सिन्हा ने क्या कहा?
मनोज सिन्हा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने अंतिम चरण में है. कई जगहों पर उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने आधी रात के बाद तक प्रचार किया. साथ ही जो मतदाता पहले भारत के बारे में बात नहीं करना चाहते थे, उन्होंने भी चुनाव में पूरे दिल से हिस्सा लिया और संविधान का समर्थन किया. दूसरी बात यह है कि तीन चरणों के मतदान के बाद एक भी बार दोबारा मतदान का आदेश नहीं दिया गया. धांधली का कोई आरोप नहीं लगा और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हिंसा मुक्त चुनाव था."


बता दें, नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई है. बुधवार (16 अक्टूबर) को उमर अब्दुल्ला ने सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ कैबिनेट के और पांच मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की. एलजी मनोज सिन्हा का यह इंटरव्यू शपथ ग्रहण से पहले का है. 



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