Jammu Kashmir Lok Sabha Election 2024: कश्मीरी पंडितों के संगठन ऑल इंडिया कश्मीरी हिंदू फोरम (एआईकेएचएफ) का शनिवार (14 अप्रैल) को जम्मू- कश्मीर कांग्रेस में विलय हो गया. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने जम्मू में पार्टी मुख्यालय में एआईकेएचएफ के अध्यक्ष रतन लाल भान और संगठन के अन्य पदाधिकारियों का कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया. ऑल इंडिया कश्मीरी हिंदू फोरम (एआईकेएचएफ) का गठन 1998 में हुआ था.
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने संवाददाताओं से कहा कि एआईकेएचएफ के सैकड़ों सदस्यों का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है. वानी ने कश्मीरी पंडितों के सभी संगठनों से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का भी आह्वान किया.
10 पैसे का भी नहीं किया काम
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पिछले 10 वर्षों से समुदाय को 'मूर्ख' बनाने का आरोप लगाया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वानी के मुताबिक, ‘‘ भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने के लिए देश भर में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा का प्रचार किया और समुदाय को आश्वासन दिया कि वे उनके पुनर्वास के लिए बहुत कुछ करेंगे, जिससे उनमें आशा जगी, लेकिन बीजेपी पिछले 10 वर्ष से सत्ता में है और कश्मीरी पंडितों के लिए 10 पैसे का भी काम नहीं कर पाई.’’
कांग्रेस से जुड़ी है कश्मीरी पंडितों की भावनाएं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वानी ने कहा, ‘‘ मैं अन्य कश्मीरी पंडित समूहों से कांग्रेस में वापस आने की अपील करता हूं क्योंकि बीजेपी पिछले 10 वर्षों से उन्हें केवल बेवकूफ बना रही है. नेहरू परिवार मूल रूप से कश्मीर से है और विस्थापित पंडितों के प्रति उनके मन में बहुत सहानुभूति है. पूरी कांग्रेस पार्टी में भी ऐसी ही भावना है. ’’
मनमोहन ने पंडितों के लिए किया बहुत कुछ
ऑल इंडिया कश्मीरी हिंदू फोरम (एआईकेएचएफ) रतन लाल भान ने कहा कि उन्होंने अपने संगठन का कांग्रेस में विलय करने का फैसला किया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत कुछ किया था. रतन लाल भान ने कहा, ‘‘ हम ऐसा महसूस कर रहे हैं जैसे हम अपने परिवार में वापस आ गए हैं.’’
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