Kashmir: कम बर्फबारी बनी मुसीबत, नदी में पानी की कमी, वाटर सप्लाई हो सकती है प्रभावित
Jammu Kashmir Weather: जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी न होना अब किसानों के लिए आफत बन गया है. यहां जनवरी के महीने में जैसी ठंड रहनी चाहिए वैसी ठंड नहीं पड़ रही बल्कि तापमान बढ़ रहा है.
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Jammu Kashmir News: कश्मीर घाटी और लद्दाख में मौसम की मार पड़ रही है. ठंडी रातों के साथ असामान्य मौसम परेशान कर रहा है. पहले दिसंबर महीने में हुई कम बारिश और बर्फ़बारी ने चिंता बढ़ाई तो अब जनवरी का महीना भी सूखे आंसू रूला रहा है. ना के बराबर बर्फबारी और आने वाले दिनों में भी बर्फ के नहीं होने के पूर्वानुमान ने कश्मीर और लद्दाख दोनों क्षेत्रों को संभावित सूखे की ओर बढ़ा दिया है. बर्फबारी नहीं होने से सेब के फूल जल्दी आ जाते हैं जिससे नुकसान की संभावना जताई जा रही है. कश्मीर में लोग बर्फबारी की दुआ कर रहे हैं.
यह खतरा सिर्फ सेब के बागों को नहीं है. आने वाले दिनों में सिंचाई की कमी के चलते सरसों, गेहूं और जौ की खेती नहीं हो सकेगी. कम बारिश और ना के बराबर बर्फ़बारी से नदी नालों में पानी की कमी होने लगी हैं. झेलम में पानी न्यूनतम स्तर से एक मीटर नीचे चला गया है जो1115 साल का रिकॉर्ड है. सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर नरेश मल्होत्रा के अनुसार अभी कुदरत ही इस सिथति से लोगों को बचा सकती है और उनको उम्मीद है कि बुवाई का सीजन शुरू होने से पहले बारिश और बर्फ़बारी होगी और सब ठीक हो जाएगा लेकिन फिलहाल हालात गंभीर हैं.
लद्दाख के किसान भी दिखे परेशान
कश्मीर के साथ लद्दाख के लोग भी परेशान है. कारगिल निवासी मोहम्मद इस्हाक़ के अनुसार अगर जल्दी बर्फ नहीं गिरी तो उनके इलाके में जौ, मटर और खूबानी की खेती पर असर पड़ेगा. गांदरबल जिले के एक सेब किसान उमर रैना ने कहा, "हमारे किसानों को आने वाले महीनों में कम या बिल्कुल भी बर्फबारी नहीं होने का परिणाम भुगतना पड़ेगा, जब वे अपने बगीचों और खेतों में काम करना शुरू करेंगे, जब गर्मियों में पानी की कमी होगी."
पानी की आपूर्ति पर भी पड़ेगा असर
कश्मीर घाटी में पीने के पानी की आपूर्ति जल शक्ति विभाग करता है. उसके चीफ इंजीनियर की माने तो मौसम में आए इस बदलाव का असर आने वाले दिनों में पीने के पानी की सप्लाई पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा, "अभी तक पानी की सप्लाई पर असर तो नहीं पड़ा है लेकिन आने वाले दिनों में कभी भी सप्लाई पूरी तरह रुक सकती है इसलिए लोगों को अपने घरों में पानी को स्टोर करने का प्रबंध करना चाहिए.'' निदेशक मौसम विज्ञान कश्मीर डॉ. मुख्तार अहमद के अनुसार जनवरी के अंत तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कोई बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी नहीं की गई है जो इसे सबसे शुष्क महीना बनाता है और अधिकतम तापमान भी 13-15 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है जो सामान्य से 10-12 डिग्री अधिक है.
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