जम्मू: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों की गरिमा और विशेष पहचान को ‘चोट’ पहुंचाने के बाद प्रशासन की नजर अब उनकी जमीन और संपत्ति पर है. मुफ्ती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का ‘‘शांति बहाल करने के नाटक’’ का पर्दाफाश हो रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के नाम पर भारी सैन्य उपस्थिति के साथ लोगों को मौलिक अधिकारों से वंचित करने और एक राजनीतिक विचारधारा को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है.’’


सुलह और संवाद ही एकमात्र तरीका है - मुफ्ती


पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘आप दर्द से कराह रहे मरीज का मुंह बंद नहीं कर सकते और उसे ठीक नहीं घोषित कर सकते. जबरदस्ती के उपाय आपको कुछ समय दे सकते हैं लेकिन इससे शांति नहीं आएगी.’’ उन्होंने कहा कि शांति थोप नहीं सकते बल्कि मूल समस्या को समझकर और लोगों की शिकायतों को दूर करके ही शांति बहाल की जा सकती है. मुफ्ती ने कहा, ‘‘सुलह और संवाद ही स्थायी शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका है.’’


सरकार की नजर जमीन पर है - मुफ्ती


उन्होंने कहा, ‘‘कृषि और बागवानी हमेशा प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है और यही वो क्षेत्र है जिसने जम्मू कश्मीर के निवासियों को अशांति के बावजूद जीवित रहने में सक्षम बनाया.’’ पीडीपी प्रमुख ने कहा कि अब सरकार की नजर पहले से ही संघर्ष कर रही अर्थव्यवस्था को और कमजोर करने के लिए इन क्षेत्रों पर है.


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