Jammu Kashmir RTI Portal: जम्मू और कश्मीर सरकार में पारदर्शिता बढ़ाने और जवाबदेही तय करने की दिशा में सीएम उमर अब्दुल्ला एक नई पहल की है. नेशनल कांफ्रेंस की सरकार ने यहां जम्मू-कश्मीर सूचना का अधिकार (RTI) के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है. इसके जरिए अब घर बैठे RTI फाइल की जा सकेगी.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज (शुक्रवार, 10 जनवरी) जम्मू में सिविल सचिवालय में एक समारोह के दौरान पोर्टल लॉन्च किया.
कार्यालय जाने की नहीं पड़ेगी जरूरत
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) जम्मू और कश्मीर द्वारा विकसित, पोर्टल मैन्युअल से ऑनलाइन आरटीआई आवेदनों में बदलाव लाता है. यह बदलाव नागरिकों को आरटीआई रिक्वेस्ट पेश करने, उनकी स्थिति को ट्रैक करने और इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सक्षम बनाता है. इससे सरकारी कार्यालयों में चल कर जाने और लाइन में खड़े होने की जरूरत खत्म हो जाती है.
पोर्टल 61 सरकारी विभागों, 272 नोडल अधिकारियों/सार्वजनिक प्राधिकरणों, 720 प्रथम अपीलीय प्राधिकरणों (एफएए) और 3,419 केंद्रीय लोक सूचना अधिकारियों (सीपीआईओ) और लोक सूचना अधिकारियों (पीआईओ) को इकट्ठा करता है.
RTI पोर्टल क्यों है खास?
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के सचिव एम राजू ने कहा कि यह पोर्टल बहुत खास है. खासियत में पोर्टल की रीच, सुविधा, प्रोसेसिंग की स्पीड, लागत दक्षता (Cost Efficiency) और जवाबदेही को बढ़ावा देने में भूमिका शामिल हैं. एम राजू ने कहा, "पोर्टल की प्रमुख कार्यक्षमताएं, जिसमें इसका यूजर फ्रेंडली इंटरफेस, सुव्यवस्थित आरटीआई वर्कफ़्लो और मजबूत दस्तावेज़ीकरण सुविधाएं शामिल हैं."
पोर्टल की एक और अनूठी विशेषता आवेदकों को भविष्य के संदर्भ के लिए एसएमएस और ईमेल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करना है, जिससे आरटीआई एप्लीकेशन की आसान ट्रैकिंग हो सकती है.
पोर्टल का प्रचार करने के निर्देश
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पोर्टल के विकास में शामिल अधिकारियों को बधाई देते हुए नागरिकों के लिए आरटीआई आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने में इसकी परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "यह पहल आरटीआई अधिनियम के तहत सरकारी सूचनाओं तक आसान पहुंच प्रदान करेगी, नागरिकों को एक तेज, अधिक पारदर्शी और लागत-कुशल तंत्र के साथ सशक्त बनाएगी."
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से इस पहल का व्यापक प्रचार सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया ताकि जम्मू और कश्मीर के नागरिक इसके लाभों से अवगत हो सकें.
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