Jammu-Kashmir News: यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा पास कर जम्मू कश्मीर का नाम रोशन करने वाली सीरत बाजी पहली बार अपने गांव पहुंचीं तो उनसे मिलने वालों का घर पर तांता लग गया. उनके माता-पिता अपनी बेटी की इस सफलता को लेकर काफी खुश थे. उन्होंने कहा, "मैं, शुरू से ही अपनी बेटी सीरत को आईएएस एग्जाम पास करने के लिए प्रेरित करता था. इस बार उसने ऐसा कर दिखाया. यह हमारे लिए खुशी की बात है." 


सीरत बाजी के पिता मुश्ताक बाजी के अनुसार, "सीरत जब भी हिम्मत हारती थी तो हम उसे बढ़ावा देते थे. हमारे समुदाय में कई बेटियां प्रतिभाशाली हैं. मैं, चाहता हूं कि उनके माता-पिता अपनी बेटियों की शादी करने के बजाय उन्हें पढ़ने दें. उन्हें अवसर दिया जाए. ताकि वे अपने लक्ष्य तक पहुंच सकें. बेटियों को उचित शिक्षा दी जाए. आज हर गांव में इंटरनेट, स्कूल और कॉलेज की सुविधाएं हैं."






'अभिभावकों और बच्चों को मिलेगी प्रेरणा'


यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली सीरत बाजी का कहना है, " जम्मू-कश्मीर से बहुत सारी लड़कियां आगे आ रही हैं. वे हर क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि हर साल जब भी सूची आती है, तो इस क्षेत्र से कम से कम एक लड़की का यूपीएससी में चयन जरूर होता है. इससे अन्य माता-पिता को भी अपनी बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा मिलेगी."


दूसरे प्रयास में मिली सफलता


यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली सीरत बाजी जम्मू-कश्मीर के राजौरी से लगभग 70 किलोमीटर दूर कंथोल के सुदूर गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने दूसरे प्रयास में 516वीं अखिल भारतीय रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की. यूपीएससी क्रैक करने के बाद पहली बार जब वह अपने गांव पहुंची तो बाजी का उनके घर पर स्वागत किया गया. 


Lok Sabha Elections: 'केवल भाव खाने की बात है', महबूबा मुफ्ती की पार्टी पर ऐसा क्यों बोले गुलाम नबी आजाद?