Jammu-Kashmir: सज्जाद लोन का एलान- वोटर लिस्ट में गैर स्थानीय लोगों को शामिल किया गया तो भूख हड़ताल करेंगे
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन (Sajad Lone) ने कहा कि चुनाव संबंधी जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश की गई तो हम यहां ही नहीं बल्कि संसद सहित सभी संवैधानिक संस्थानों के सामने सड़कों पर उतरेंगे.
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की संशोधित मतदाता सूची (Revised Voter List) में गैर-स्थानीय लोगों को शामिल करने के मुद्दे पर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (People's Conference) प्रदर्शन और भूख हड़ताल (Hunger Strike) करेगी. पार्टी प्रमुख सज्जाद लोन (Sajad Lone) ने सोमवार को एलान किया. लोन ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) की तरफ से आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में शामिल नहीं होने का फैसला करते हुए कहा कि बैठक बुलाने का फैसला गंभीरता से लिया गया होता, तो इसका मीडिया में बखान नहीं किया जाता. लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने 2018 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से गठबंधन तोड़ लिया था.
भूख हड़ताल और प्रदर्शन करेगी पीपुल्स कॉन्फ्रेंस
सज्जान लोन ने पत्रकारों से कहा, ‘ हम एक अक्टूबर तक इंतजार करेंगे, जब तक कि मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित नहीं हो जाता... चुनाव संबंधी जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश की गई तो हम यहां ही नहीं बल्कि संसद सहित सभी संवैधानिक संस्थानों के सामने सड़कों पर उतरेंगे. हम भूख हड़ताल करेंगे. लड़ाई केवल यहां नहीं लड़ी जा सकती... हमें भारत के लोगों को बताना होगा कि आखिर क्या हो रहा है.’’ प्रशासन के स्पष्टीकरण पर उन्होंने कहा, ‘‘हम ना इसे पूरी तरह खारिज करते हैं और ना इससे पूरी तरह सहमत हैं.’’
पार्टी नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व कानून सचिव मोहम्मद अशरफ भी लोन के साथ मौजूद थे. लोन ने कहा कि भारत के संविधान के तहत जम्मू-कश्मीर में ‘‘बाहरी’’ लोगों का मतदाता के रूप में पंजीकरण संभव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ अगर हम संबंधित कानून के बारे में अशरफ साहब की व्याख्या पर गौर करें, तो एक अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में इतनी बड़ी संख्या में गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकृत करना संभव नहीं है, जब तक कि सरकार ऐसा ना करना चाहे. इसलिए हमें कानून से नहीं, कानून लागू करने वालों से खतरा है.’’
लोन ने कहा, ‘ यह उन लोगों की मंशा की परीक्षा होगी, जो यहां या केंद्र सरकार में शासन कर रहे हैं. हम तब तक इंतजार करेंगे.’’ सर्वदलीय बैठक पर उन्होंने कहा कि बैठक केवल चर्चा में बने रहने की कवायद लग रही है और वह इसका हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे. लोन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर यह (सर्वदलीय बैठक बुलाने का) कदम गंभीरता से लिया गया होता, तो मीडिया के सामने ऐसे नहीं उठाया जाता. अगर इसमें गंभीरता होती तो हम मिल भी लेते और आपको (मीडिया को) पता भी नहीं चलता.
फारूक अब्दुल्ला की राजनीति पर बोले सज्जाद लोन
मैं फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन उनकी इस राजनीति से सहमत नहीं हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक महिला (महबूबा मुफ्ती) ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाएं और दूसरे ने इसके लिए फोन किए. मुझे यह भी बताएं कि हम कितना दिखावा कर सकते हैं? हम चौबीसों घंटे एक-दूसरे की राजनीतिक रूप से आलोचना करते रहते हैं. मैंने कल ही उनकी आलोचना की और उससे एक दिन पहले उन्होंने मेरी आलोचना की थी. हम सब कुछ सही होने का दिखावा कब तक कर सकते हैं?’’
लोन ने कहा, ‘‘महबूबा जी अपनी खोई जगह वापस पाने को बेताब हैं, सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए फरमान जारी करती हैं... महाराजा हरि सिंह का युग काफी समय पहले समाप्त हो गया है.’’ लोन ने हालांकि कहा कि अगर बैठक से कुछ भी ठोस निकलता है, तो उनकी पार्टी उसका पूरे दिल से समर्थन करेगी. केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिरदेश कुमार की तरफ से संशोधित मतदाता सूची में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले ‘‘गैर-स्थानीय मतदाताओं को शामिल करने’’ की बात कहे जाने के बाद नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई.
प्रशासन ने शनिवार को एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा था कि मतदाता सूची में संक्षिप्त संशोधन के बाद 25 लाख से अधिक मतदाताओं के शामिल होने की खबरों में ‘‘निहित स्वार्थों के चलते तथ्यों को तोड़-मरोड़कर’’ पेश किया गया है. नेकां और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) जैसे दलों ने दावा किया कि प्रशासन ने उनकी इस मुख्य चिंता का समाधान नहीं किया है कि क्या जम्मू-कश्मीर में सामान्यतया रहने वाले ‘‘बाहरी’’ लोगों को मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण कराने की अनुमति दी जाएगी या नहीं. स्पष्टीकरण से संतुष्ट ना होने के कारण उन्होंने सर्वदलीय बैठक करने का फैसला किया.