जम्मू कश्मीर में लगातार बढ़ रही शहादत पर व्हाइट पेपर की मांग करते हुए जम्मू में शिवसेना और डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कार्यो ने धारा 370 पर हो रही राजनीति को भी रोकने की मांग की है. जम्मू के किश्तवाड़ में रविवार (10 नवंबर) को आतंकी विरुद्ध अभियान में शहीद हुए सुना के नायब सूबेदार राकेश कुमार की शहादत पर जम्मू में गुस्सा है. जम्मू में शिवसेना और डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने इस शहादत के खिलाफ प्रदर्शन किया और पाकिस्तान का झंडा भी फूंका.

पाकिस्तान के खिलाफ लगातार हो रही नारेबाजी के बीच डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने आतंक और इसके बाद हो रही शहादतों पर व्हाइट पेपर की मांग की है. डोगरा फ्रेंड के कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि सरकार बने हुए 22 दिन हो गए हैं और जम्मू कश्मीर ने 12 लोगों की शहादत दी है.

'घरों पर बुलडोजर भी चलाया जाना चाहिए'
डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के मुताबिक सरकार को एक वाइट पेपर लेकर सामने आना चाहिए, जिसमें यह स्थिति साफ की जाए कि यह आतंकी आखिर आए कहां से और इन्हें जम्मू में कौन-कौन पनाह दे रहा है. यह आतंकी किस रूट से आए किस रूट से किश्तवाड़ तक पहुंचे और किश्तवाड़ में इन्हें कौन-कौन पनाह दे रहा है न केवल उनकी पहचान की जानी चाहिए, बल्कि उनके घरों पर बुलडोजर भी चलाया जाना चाहिए.

'आतंकी घटनाओं में खासा इजाफा हुआ है'
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने मांग की कि वह भी जल्द ही इस नीति के साथ सामने आए जिसमें आतंक के मददगारों के घर जमींदोज किए जाने की बात की जा रही है. शिवसेना प्रोग्राम साथ में आरोप लगाया की धारा 370 खत्म होने के बाद आतंक में भारी कमी आई थी लेकिन जब से सरकार आई है तब से आतंकी घटनाओं में खासा इजाफा हुआ है. 

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ दिन पहले यह बयान दिया था कि आतंक के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी. उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर में आतंक के मददगारों के घर जमींदोज किए जाएंगे.