Jammu-Kashmir News: हिमालय क्षेत्र में जनवरी में पारा लगातार गिर रहा है और ऊपरी इलाकों में और बर्फबारी की संभावना है, ऐसे में कश्मीर घाटी और लद्दाख में स्थानीय लोग सर्दी के एक और दौर के लिए तैयार हो रहे हैं. श्रीनगर स्थित मौसम विभाग (MeT) ने अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू और कश्मीर के अलग-अलग ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का अनुमान लगाया है.


मौसम विभाग ने एक बयान में कहा है कि 15 और 16 जनवरी को मौसम आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और 16 जनवरी की सुबह के समय अलग-अलग ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी होगी. वहीं 17 से 19 जनवरी तक मौसम विभाग ने आमतौर पर बादल छाए रहने और 19 जनवरी को कोई खास बदलाव नहीं होने का अनुमान लगाया है. हालांकि 20 से 21 जनवरी के बीच अलग-अलग जगहों पर ताजा बर्फबारी का अनुमान है.


कश्मीर घाटी में भीषण बर्फबारी और शीतलहर के कारण मौसम विभाग ने पर्यटकों, यात्रियों और ट्रांसपोर्टरों के लिए एडवाइजरी जारी की है. खासकर ऊपरी पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाते समय ध्यान रखने की बात कही है.


कश्मीर में शीतलहर जारी


कश्मीर में भी शीतलहर जारी रही और न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया. बुधवार सुबह श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे, गुलमर्ग में शून्य से 7.4 डिग्री नीचे और पहलगाम में शून्य से 8.4 डिग्री नीचे दर्ज किया गया. पिछले 25 दिनों से कश्मीर घाटी में भीषण शीतलहर चल रही है, क्योंकि रात में पानी की पाइप, पानी की टंकियों और पीने योग्य पानी के अन्य स्रोत जम जाते हैं, उसमें मौजूद पानी जम जाता है. सुबह उसे पिघलाना पड़ता है. 


जम रहा है पेयजल


झीलें, नदियां, कुएं, झरने और तालाब आंशिक रूप से जम गए हैं. भीषण शीतलहर के कारण  पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है, लोगों को बाहर से पानी इकट्ठा करने और हाथगाड़ियों और अन्य साधनों से अपने घरों तक ले जाने के लिए वैकल्पिक साधनों का उपयोग करना पड़ रहा है. कई इलाकों में लोग सड़कों पर ठीक से नहीं चल पा रहे हैं, क्योंकि बर्फ की चादर बिछ गई है. गुरेज, केरन, करनाह, तंगधार, जोजिला और मुगल रोड सहित ऊंचे पहाड़ी दर्रों से गुजरने वाले अधिकांश राजमार्ग यातायात के लिए बंद हैं, लेकिन उन्हें यातायात के लिए साफ करने के लिए बर्फ हटाने का काम चल रहा है.


पर्यटक ले रहे बर्फबारी और शीतलहर का आनंद 


हालांकि पर्यटक बर्फबारी और शीत लहर का आनंद ले रहे हैं, लेकिन दक्षिण और पश्चिमी भारत से आने वाले कई पर्यटकों के लिए मौसम की ऐसी स्थिति नहीं है. गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग और अन्य क्षेत्रों जैसे पारंपरिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है, वहीं कई अन्य क्षेत्रों में भी शीतलहर के शौकीनों द्वारा खोजबीन की जा रही है. गुलमर्ग के गोगुलदारा गांव में पानी की आपूर्ति लाइन के चारों ओर विशाल हिमखंड पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बन गए हैं.


जहां पर्यटक इस स्थान को चिल पॉइंट कहते हैं, वहीं ये हिमखंड कश्मीर घाटी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान स्थानीय लोगों को झेलने वाली ठंड की याद दिलाते हैं. घाटी 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि से जूझ रही है जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है, जो 21 दिसंबर से शुरू हुई है और 30 जनवरी को समाप्त होगी.


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