Srinagar: जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद अब तक समाप्त नहीं हुआ है लेकिन यह कम हो रहा है. दहशतगर्दी खत्म हो रही है, आतंकियों की तादाद कम हुई है. उन्होंने कहा कि इस बात की खुशी है कि पुलिस और सुरक्षाबलों ने बहुत हद तक दहशतगर्दी पर काबू पाया है और जो बची हुई दहशतगर्दी है उसके खिलाफ बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी. जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर डीजीपी ने बांदीपोरा में पत्रकारों से ये बात कही. 


'युवा समझ गए हैं कि आतंकवाद विनाश का मार्ग' 


उन्होंने कहा कि स्थानीय या पाकिस्तानी आतंकवादियों की संख्या हमेशा कम है. जिन स्थानीय युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेला गया था, वे उस रास्ते को छोड़कर अब मुख्यधारा में लौट आए हैं. डीजीपी ने कहा कि युवा समझ गए हैं कि यह (आतंकवाद) विनाश का मार्ग है. आज, उनके पास अन्य विकल्पों के अलावा खेल और शिक्षा में कई रास्ते हैं. कई युवाओं ने सही रास्ता अपनाया है और अपने करियर, जीवन और परिवारों के लिए काम कर रहे हैं.


ड्रोन गतिविधियों में भी कमी- डीजीपी


ड्रोन गिराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे (ड्रोन) पाकिस्तान से ड्रग्स, एके 47 राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और आईईडी लाते हैं. हम उन्हें सफलतापूर्वक रोकते हैं. ऐसे सैकड़ों हथियार जब्त किए गए हैं, कई क्विंटल ड्रग्स भी जब्त किया गया है. उस मोर्चे पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने कई सफलताएं हासिल की हैं. उन्होंने कहा कि ड्रोन गतिविधि में कमी आई है, लेकिन यह अभी भी जारी है. हमारी कोशिश है कि इस तरह की तस्करी को रोका जाए. कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने सीमाओं पर कई सफलताएं हासिल की हैं जहां ड्रग्स डंप किया जाता है. फिर ड्रग्स को जम्मू-कश्मीर, पंजाब और अन्य जगहों पर ले जाया जाता है. हमने ऐसे कई बड़े कार्टेल का भंडाफोड़ किया है.


'साजिशों को समझने के लिए घाटी को लोगों का आभार' 


इस साल ऐतिहासिक ईदगाह में सामूहिक नमाज अदा करने के जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के फैसले के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी  ने कहा कि कश्मीर घाटी का संभागीय प्रशासन इस पर फैसला करेगा. सिंह ने पाकिस्तान, उसकी एजेंसियों, संगठनों और पाकिस्तान समर्थक व्यक्तियों की साजिशों को समझने के लिए घाटी के लोगों का आभार व्यक्त किया, जो यहां के लोगों को पथराव के लिए उकसाते थे और उन्हें अपने व्यक्तिगत और अन्य लाभों के लिए चारा बनाते थे.


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