Jammu Kashmir: कश्मीर में 10 जनवरी तक बर्फबारी की संभावना बहुत कम, माइनस 7 डिग्री तक लुढ़का घाटी का पारा
Kashmir Weather: कश्मीर घाटी में शीतलहर में कोई कमी नहीं आई है और कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में बुधवार को तापमान शून्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है.
Kashmir Cold Wave: कश्मीर घाटी में शीतलहर में कोई कमी नहीं आई है और कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में बुधवार को तापमान शून्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है. जबकि जम्मू में मध्यम कोहरे से दृश्यता कम हो गई और मैदानी इलाकों में यात्रियों को परेशानी हुई. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 10 जनवरी तक बर्फबारी की बहुत कम संभावना है और पूरे उत्तरी क्षेत्र में शीतलहर तेज हो जाएगी.
डल झील के कुछ हिस्सों में हल्की परत जमी
मौसम विभाग कार्यालय कश्मीर के निदेशक डॉ. मुख्तार अहमद ने कहा कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पहलगाम सबसे ठंडा क्षेत्र रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 6.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. ठंड के कारण डल झील के कुछ हिस्सों में पानी की हल्की परत जम गई है और यदि मौजूदा शीतलहर जारी रही तो पानी में भारी जमाव हो सकता है. उन्होंने कहा, जम्मू में न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन राजधानी के लिए सामान्य से 7-8 डिग्री कम है.
4-5 जनवरी तक ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की भविष्यवाणी
मौसम वैज्ञानिकों ने 3 जनवरी तक मुख्य रूप से शुष्क मौसम और 4-5 जनवरी तक ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की भविष्यवाणी की है. मैदानी इलाकों में आम तौर पर बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क रहेगा तथा ऊंचे स्थानों पर ‘बहुत हल्की’ बर्फबारी होने की संभावना है. 6-7 जनवरी तक, मुख्य रूप से शुष्क मौसम की उम्मीद है और कुल मिलाकर, 10 जनवरी तक कोई महत्वपूर्ण मौसम गतिविधि नहीं होगी.
कश्मीर घाटी सर्दियों की 40 दिनों की कठोर अवधि 'चिल्लई-कलां' के अंतर्गत है, जो 30 जनवरी को समाप्त होगी. हालांकि इसका मतलब सर्दियों का अंत नहीं है. इसके बाद 20 दिनों की लंबी अवधि 'चिल्लई-खुर्द' आती है जो 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच होती है और 10 दिनों की लंबी अवधि 'चिल्लई-बच्चा' (बच्चों की ठंड) होती है जो 20 फरवरी से 1 मार्च तक होती है.
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