Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (DDC) की तीन सीटें पिछले तीन महीनों से खाली हैं. तीन डीडीसी सदस्य विधायक के रूप में निर्वाचित हो गए हैं. डीडीसी की खाली तीन सीटों में दो कश्मीर घाटी की हैं, जबकि एक केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू संभाग में खाली है. जानकारी के अनुसार डीडीसी सदस्य वहीद उर रहमान पारा विधायक का चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए हैं. वहीद उर रहमान पारा पुलवामा-I से डीडीसी सदस्य थे, लेकिन शपथ लेने की अनुमति नहीं दी गई थी.


इरफान हाफिज लोन संग्रामा से डीडीसी सदस्य के रूप में चुने गए थे और मेहराज मलिक डोडा के कहरा से डीडीसी सदस्य निर्वाचित हुए थे. पुलवामा से विधानसभा का चुनाव जीतकर वहीद उर रहमान पारा अब विधायक बन गए हैं. इरफान हाफिज लोन ने वागूरा-क्रीरी विधानसभा सीट से जीत हासिल की और मेहराज मलिक ने डोडा विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराया. विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए लगभग दो महीने हो चुके हैं, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक इन तीन सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा नहीं की है.


डीडीसी की तीन सीटों पर कब होगा उपचुनाव?


डीडीसी चुनाव जम्मू और कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 के भाग के रूप में शुरू किए गए थे. भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में त्रिस्तरीय शासन प्रणाली स्थापित करने के लिए संशोधित किया था. पहली बार डीडीसी चुनाव नवंबर-दिसंबर 2020 में आयोजित हुए थे. आठ चरणों में जम्मू-कश्मीर का डीडीसी चुनाव ऐतिहासिक हो गया. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- में पुनर्गठन के बाद यूटी में पहली महत्वपूर्ण चुनावी कवायद  थी. डीडीसी ने जिला विकास बोर्डों की जगह ली. निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने-अपने जिलों के लिए विकास योजनाएं बनाने और लागू करने का अधिकार दिया गया. परिषदों में प्रति जिले 14 सदस्य होते हैं. सदस्यों का चुनाव जनता करती है. 


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