Jammu Kashmir News: देश की सबसे महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) को लेकर काम जारी है. विश्‍व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज (Chenab Rail Bridge) कश्‍मीर में बन चुका है. इस बीच भारतीय रेल ने संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इसमें चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे स्टील आर्च रेल ब्रिज को पार करना भी शामिल है. 


केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रायल रन का वीडियो सोशल मीडिया हैंडल "एक्स" पर पोस्ट कर लिखा कि "पहली ट्रायल ट्रेन संगलदान से रियासी तक सफलतापूर्वक चली है, जिसमें चिनाब ब्रिज को पार करना भी शामिल है. यूएसबीआरएल के लिए सभी निर्माण काम लगभग समाप्त हो चुके हैं, केवल सुरंग नंबर 1 आंशिक रूप से अधूरी है."






वहीं रेलवे सूत्रों का कहना है कि ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन के सफल परीक्षण के बाद संगलदान और रियासी के बीच उद्घाटन ट्रेन 30 जून को चलने की संभावना है. पिछले महीने उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं का आकलन करने के लिए चिनाब ब्रिज और बक्कल-दुग्गर-सावलकोट-संगलदान खंड का निरीक्षण किया था.


272 किलोमीटर की है यूएसबीआरएल परियोजना
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना 272 किलोमीटर की है. इसे 1997 में मंजूरी दी गई थी. 1997 में अपनी शुरुआत के बाद से इस पर 209 किलोमीटर की दूरी का काम हो चुका है. रियासी और कटरा के बीच बाकी 17 किलोमीटर की दूरी इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है, जो कश्मीर को बाकी हिस्सों से जोड़ देगी.


एफिल टावर से ऊंचा है ये ब्रिज
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब नदी से लगभग 359 मीटर ऊपर बना है और एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन इस पुल को पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है. चिनाब रेल पुल के निर्माण में कुल 30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 260 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है.



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