Jammu Kashmir Weather Update: सर्दियों में बर्फबारी का मजा लेने सैलानी देश के अलग अलग हिस्सों से कश्मीर आते हैं. कश्मीर में हुई बर्फबारी से सैलानियों के चेहरे खिले हैं. लेकिन बर्फ स्थानीय लोगों के लिए आफत लेकर आती है. सर्दियों में सोनमर्ग का एक गांव वीरान हो जाता है. चारों तरफ बर्फ की पहाड़ियों से घिरे शुतकेडी गांव में 60 घर हैं. गांव के अंदर एबीपी न्यूज की टीम को एक शख्स भी नहीं दिखाई दिया. हर घर के दरवाजे पर ताला लटका हुआ नजर आया. पगडंडियों पर कई फीट तक बर्फ जमी हुई मिली.


श्रीनगर करगिल हाइवे के बराबर बसे गांव में नीचे उतरने वाली सीढ़ियों का रास्ता भी बर्फ से ढंका है. खिड़कियों को लकड़ी के बड़े बड़े कार्डबोर्ड से ढंका गया है. बर्फ को रोकने के लिए खिड़कियों पर टीन की मोटी चादर और प्लास्टिक शीट लगाई गई है. दरअसल गांव के लोग हर साल बर्फबारी की शुरुआत में  पलायन कर जाते हैं. बर्फ की वजह से गांव में लोगों का रहना मुश्किल हो जाता है. श्रीनगर करगिल हाइवे बंद होने से रोजमर्रा का सामान गांव में नहीं पहुंच पाता है. मवेशियों के लिए चारा भी नहीं मिलता है.




सर्दियों में सोनमर्ग का ये गांव हो जाता है वीरान 


सबसे बड़ा खतरा शुतकेडी गांव में पहाड़ों से हिमपात का भी होता है. तापमान माइनस 17 या 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. शून्य से नीचे तापमान जिंदगी को और मुश्किल बना देता है. बिजली कट जाती है. पानी के नलकूप जम जाते हैं. घर देखने आए एक स्थानीय निवासी ने बताया कि गांव के लोगों को हर साल पलायन करना पड़ता है. ठंड में जिंदगी मुश्किल होने से निचले इलाकों में ग्रामीण जाने को मजबूर हो जाते हैं. लेकिन हर रोज गांव के लोग अपना घर देखने जरूर आते हैं.


बर्फबारी स्थानीय लोगों के लिए लाती है मुसीबत


अनंतनाग के आडर गांव में बर्फबारी ने पानी का सप्लाई बाधित कर दिया है. लोहे की पाइप से सप्लाई होने वाला पानी बर्फ में बदल चुका है. गांव के लोग 3 दिनों एक एक बूंद को तरस रहे हैं. पीने और खाना पकाने में बर्फ को पिघलाकर काम चलाया जा रहा है. सबसे परेशानी गांव की महिलाओं को होती है. महिलाओं को पानी के लिए आधा किलोमीटर दूर झेलम नदी तक का सफर करना पड़ता है. 


कश्मीर का नाम बदलने की तैयारी में मोदी सरकार? अमित शाह के बयान पर गुलाम नबी आजाद के नेता का दावा