J&K: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (Jammu &Kashmir) में विधानसभा चुनाव की संभावनाओं के बीच मंगलवार को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. दरअसल राज्य में कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. एक ट्वीट में विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि "जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी सोच कांग्रेस से नहीं मिलती. पार्टी जमीनी हकीकत से दूर है."


कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के पोते हैं विक्रमादित्य सिंह


बता दें कि विक्रमादित्य सिंह कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के पोते और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह के बेटे हैं. विक्रमादित्य सिंह का जन्म 1964 में हुआ था. उन्हें जम्मू-कश्मीर का एक सधा हुआ नेता माना जाता हैं. विक्रमादित्य सिंह का विवाह माधवराव सिंधिंया की बेटी चित्रांगदा सिंधिंया से हुआ है.


विक्रमादित्य सिंह के राजनीतिक करियर की शुरुआत कब हुई थी?


विक्रमादित्य सिंह ने अगस्त 2015 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और राज्य विधान परिषद के सदस्य बने थे. हालांकि, हरि सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के मुद्दे पर पीडीपी के साथ मतभेदों के बाद, उन्होंने अक्टूबर 2017 में पीडीपी और विधान परिषद दोनों से इस्तीफा दे दिया था.


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2018 में कांग्रेस में शामिल हुए थे विक्रमादित्य सिंह


साल 2018 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. और फिर उन्होंने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर उधमपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी के डॉ जितेंद्र सिंह ने उन्हें दिया, जो वर्तमान में पीएमओ में राज्य मंत्री हैं.


विक्रमादित्य एक होटल व्यवसायी भी हैं


दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी करने वाले विक्रमादित्य एक होटल व्यवसायी हैं. वह जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं, जिसकी स्थापना डोगरा वंश के संस्थापक महाराजा गुलाम सिंह ने की थी.


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