Omar Abdullah  News: जम्मू-कश्मीर में जब 5 अगस्त 2019 को धारा 370 को केंद्र सरकार ने समाप्त कर उसे केंद्रशासित बना दिया तो ऐसा लगा कि अब अब्दुल्ला परिवार के सियासत के दिन भी लद गए. पिछले पांच साल बहुत बुरे दौर से गुजरे, लेकिन एक बार फिर वक्त बदला और आज उमर अब्दुला केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सीएम हैं. अब वह बदले-बदले से दिखाई देने लगे हैं. 
 
उमर अब्दुल्ला के बदले-बदले इस अंदाज को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में है. वीडियो में वे एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए दिखाई देते हैं. 


समझ नहीं आ रहा था अब उठूंगा कैसे? 


नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष अब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री वीडियो में यह कहते हुए देखे जा रहे हैं कि जब साल 2024 शुरू हुआ तो लोकसभा चुनाव की तैयारी की. लोकसभा के नतीजे अनुमान से कुछ ऊपर-नीचे आये. मेरा तो ज्यादा ही नीचे था. उस वक्त समझ नहीं आ रहा था कि अब उठूंगा कैसे? 


वीडियो में वह आगे कहते हैं, "अल्ला ताला की इच्छा देखिए न, मेरे साथी कहते थे, इसमें भी कुछ अच्छा होगा. मैं, उनकी बातों पर अंदर ही अंदर सोचता था, इसमें अब क्या अच्छा होगा? इसमें अच्छाई कहां होगी, लेकिन देखिए न, क्या हो क्या हो गया?" 
 
उमर अब्दुला के मुताबिक, "लोकसभा चुनाव के बाद कई सारे अफसरों और दोस्तों को लगा होगा अब ये खत्म हो गए, नप लो, जाओ नाप लो रास्ता. अब वो लोग जिन्होंने पांच साल मेरे सलाम का जवाब नहीं दिया, आज वो मुझे मैसेज करते थकते नहीं हैं."


सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "कुदरत भी क्या चीज है? पांच साल एक मैसेज भी नहीं. जनाब! आप ठीक हो, जिंदा हो, हम क्या कुछ आपके लिए कर सकते हैं या नहीं. अब मैं सुबह उठता हूं तो गुड मॉर्निंग सर, एक बजे फोन देखता हूं तो सर, लंच में क्या खाया? आठ बजे रात में फोन देखता हूं तो सर डिनर में क्या था? आपके लिए क्या लाऊं? रात के दस बजे गुड नाइट सर. प्लीज अच्छे से सो जा​इए." 


पार्टी के लोगों को किया आगाह


दरअसल, हमारे दिमाग पर इनका असर नहीं पड़ना चाहिए. अगर हममे घमंड आया, अगर हमें ये लगा कि हम अब बहुत बड़े तीस मार खान हैं. हम ही हम हैं और कोई नहीं है, तो जिस तरह से लोगों ने आज हमें मौका दिया, खुदा न खास्ता अगली बार लोग मुझे सजा देंगे. 


उन्हेंने कहा, "इसलिए, पहले दिन से तय करना है. हम इस हुकूमत का गलत इस्तेमाल नहीं करेंगे. हम इस हुकूमत का अपने ऐशो आराम के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगे. ये हुकूमत हमारे लिए नहीं है. हम खिदमतगार हैं, मालिक नहीं. मालिक जम्मू कश्मीर की जनता है. यहां की जनता है. हम उनके खादिम हैं. हमें सिर्फ काम करने हैं. लोगों के और आपके भी."


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