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जम्मू विश्वविद्यालय में चार पहिया वाहन चलाने पर लगा बैन, क्यों लिया गया ये फैसला?
Jammu University: जम्मू विश्वविद्यालय प्रदूषण कम करने के लिए परिसर में चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला संस्थान बन गया है. कैंपस में प्रवेश करने वाले लोगों को ई-रिक्शा या पैदल चलना होगा.
Jammu University News: जम्मू विश्वविद्यालय प्रदेश का ऐसा पहला संस्थान बन गया है, जहां कैंपस के भीतर चार पहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कैंपस को प्रदूषण से बचने और ग्रीन कैंपस इनिशिएटिव के तहत गुरुवार से जम्मू यूनिवर्सिटी में यह प्रतिबंध लागू हो गए. जम्मू विश्वविद्यालय को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है. जम्मू विश्वविद्यालय में गुरुवार (5 दिसंबर) से किसी भी चार पहिया वाहन के प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी.
अगर विश्वविद्यालय का कोई कर्मचारी प्रोफेसर स्टूडेंट या कोई अन्य शख्स विश्वविद्यालय में जाना चाहेगा, तो उसे विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर बनी पार्किंग में वहां खड़ा कर या तो पैदल या फिर ई रिक्शा से विश्वविद्यालय में जाना होगा. जम्मू विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो प्रकाश अन्थल ने बताया कि हरित पहल के तहत जम्मू विश्वविद्यालय कैंपस में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
काफी समय पहले से शुरू हो गई थी प्रक्रिया
जम्मू विश्वविद्यालय प्लानिंग टीम की मुखिया प्रो मीणा शर्मा का दावा है कि विश्वविद्यालय कैंपस में चार पहिया वाहन के बैन करने की प्रक्रिया काफी समय पहले से शुरू हो गई थी. इस प्रक्रिया के तहत जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से जम्मू यूनिवर्सिटी के पास एक पार्किंग बनाई गई बल्कि इसके साथ ही जम्मू विश्वविद्यालय ने छात्रों, प्रोफेसरों और नॉन टीचिंग स्टाफ को साथ में लेकर इस पहल को लागू करने की दिशा में काम करना शुरू किया.
देरी से लागू किया गया है आदेश को
फिलहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस के बाहर 300 वाहनों की पार्किंग तैयार की है. विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक कैंपस में चार पहिया वाहन लाने पर रोक बहुत पहले से लगाई जानी थी लेकिन कैंपस के बाहर पार्किंग ना होने के चलते इस आदेश को देरी से लागू किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक इस फैसले के पीछे मकसद कैंपस में कार्बन उत्सर्जन को कम करना, वायु गुणवत्ता में सुधार और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों में पैदल चलने के प्रचलन को बढ़ाना है.
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले से छात्र भी काफी खुश है. गौरतलब है कि जम्मू विश्वविद्यालय में करीब 350 प्रोफेसर, 500 नॉन टीचिंग स्टाफ, 5000 विद्यार्थी और रोजाना करीब 150 से 200 बाहरी लोग आते हैं.
अगर विश्वविद्यालय का कोई कर्मचारी प्रोफेसर स्टूडेंट या कोई अन्य शख्स विश्वविद्यालय में जाना चाहेगा, तो उसे विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर बनी पार्किंग में वहां खड़ा कर या तो पैदल या फिर ई रिक्शा से विश्वविद्यालय में जाना होगा. जम्मू विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो प्रकाश अन्थल ने बताया कि हरित पहल के तहत जम्मू विश्वविद्यालय कैंपस में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
काफी समय पहले से शुरू हो गई थी प्रक्रिया
जम्मू विश्वविद्यालय प्लानिंग टीम की मुखिया प्रो मीणा शर्मा का दावा है कि विश्वविद्यालय कैंपस में चार पहिया वाहन के बैन करने की प्रक्रिया काफी समय पहले से शुरू हो गई थी. इस प्रक्रिया के तहत जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से जम्मू यूनिवर्सिटी के पास एक पार्किंग बनाई गई बल्कि इसके साथ ही जम्मू विश्वविद्यालय ने छात्रों, प्रोफेसरों और नॉन टीचिंग स्टाफ को साथ में लेकर इस पहल को लागू करने की दिशा में काम करना शुरू किया.
देरी से लागू किया गया है आदेश को
फिलहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस के बाहर 300 वाहनों की पार्किंग तैयार की है. विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक कैंपस में चार पहिया वाहन लाने पर रोक बहुत पहले से लगाई जानी थी लेकिन कैंपस के बाहर पार्किंग ना होने के चलते इस आदेश को देरी से लागू किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक इस फैसले के पीछे मकसद कैंपस में कार्बन उत्सर्जन को कम करना, वायु गुणवत्ता में सुधार और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों में पैदल चलने के प्रचलन को बढ़ाना है.
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले से छात्र भी काफी खुश है. गौरतलब है कि जम्मू विश्वविद्यालय में करीब 350 प्रोफेसर, 500 नॉन टीचिंग स्टाफ, 5000 विद्यार्थी और रोजाना करीब 150 से 200 बाहरी लोग आते हैं.
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