Name Plate News: कांवड़ यात्रा के दौरान यूपी और उत्तराखंड सरकार की ओर से दुकानों के आगे मालिक का नेम प्लेट लगाने का आदेश दिए जाने की फारूक अब्दुल्ला ने आलोचना की है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. फारूक अब्दुल्ला ने आदेश वापस लेने की भी अपील की है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''पहले भी कांवड़ा यात्रा होता था. दुकान पर नाम लिखने की बात कर रहे हैं. ये कोशिश कर रहे हैं कि हिंदू और मुसलमान के बीच की नफरत और ज्यादा हो. पिछले चुनाव में ये (बीजेपी) हार गए. अयोघ्या और बद्रीनाथ का चुनाव बीजेपी हार गई. यूपी के हुकुमत से हम गुजारिश करेंगे कि ऐसे आदेश वापसे लें. दोनों मुल्क (भारत और पाकिस्तान) में ऐसे लोग हैं जो नहीं चाहते हैं कि अमन आए. 7000 और फौज पहाड़ी इलाके में लाई गई है."
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका
यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने के आदेश दिए हैं. ऐसा ही आदेश उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भी अपने राज्य में दिया है. सीएम योगी के आदेश के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. याचिका में इस आदेश को रद्द करने की मांग की गई है.
यूपी में सरकार के आदेश का पालन
बताया जा रहा है कि इस मामले में जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई करेगी. सीएम योगी और सीएम धामी के आदेश के कारण देश की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष तो आलोचना कर ही रहा है और इस पर बॉलीवुड सेलिब्रिटी की भी प्रतिक्रिया आई है. यह बहस और चर्चा का विषय बन गया है. हालांकि, इस बीच यूपी में सरकार के आदेश का पालन होते हुए भी देखा जा रहा है.
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