Jammu-Kashmir Latest News: केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर उसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया. पिछले छह साल के दौरान वहां का माहौल बदल गया है. इस मसले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दिग्गज राजनेता कर्ण सिंह ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में केंद्र से जम्मू-कश्मीर के लिए तत्काल राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है.
उन्होंने कहा,"जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति 'भारत के मुकुट' की है. सभी कहते हैं जेके भारत का सिर है. ऐसे में उसके दर्जे को अस्वीकार कर छोटा करना चिंता का विषय है."
जम्मू-कश्मीर का खेल ही बदल गया
उन्होंने कहा, "धारा 370 हटने से पहले जम्मू-कश्मीर को लेकर यह बहस होती थी कि इस राज्य को कितनी और स्वायत्तता दी जानी चाहिए. अब पूरा खेल बदल गया." उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तन पूर्ववर्ती राज्य का ह्रास है और यह अस्वीकार है.
कर्ण सिंह ने कहा कि मुझसे कहा कि अमेरिका में भारत के एक पूर्व राजदूत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति ने इसे शासन दक्षता के मामले में हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों से पीछे कर दिया है.
उन्होंने कहा कि धारा 370 के निरस्तीकरण ने एक ऐसे कानून को खत्म कर दिया, जो बाहरी लोगों से शादी करने वाली राज्य की महिलाओं के संपत्ति के अधिकार को छीन लेता था और पाकिस्तान से पलायन करने वाले कई लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाता है. यानि इसमें कुछ चीजें सकारात्मक भी है, जिसे स्वीकार करने की जरूरत है.
शेख अब्दुल्ला से तनाव की बताई ये वजह
उन्होंने शेख अब्दुल्ला को कश्मीरी नेता बताया जिन्होंने यहां की राजनीतिक काफी प्रभावित किया, लेकिन राजशाही और उभरती लोकतांत्रिक ताकतों के बीच ऐतिहासिक तनाव को देखते हुए उनके संबंधों की जटिलताओं को भी स्वीकार किया. जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा के गठन के समय को याद करते हुए सिंह ने कहा कि उनके पिता महाराजा हरि सिंह और उनके कई वफादारों ने सोचा था कि उन्हें ‘सद्र-ए-रियासत’ की भूमिका नहीं निभानी चाहिए, क्योंकि शेख अब्दुल्ला ने डोगरा और महाराजा का अपमान किया था.
दोनों के बीच यहीं से एक तरह से तनाव शुरू हुआ. मुझे लगता है कि यह राजनीति का अपरिहार्य नतीजा था. हमारे परिवार को उस समय लगा राजशाही अपना महत्व खो चुकी है. भविष्य लोकतंत्र में है. मैं, उस लोकतंत्र का हिस्सा बनना चाहता था.
फारूक अब्दुल्ला को दिया राजनीति में वापस लाने का श्रेय
उन्होंने कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को 12 साल के अंतराल के बाद उन्हें राजनीति में वापस लाने का श्रेय दिया. उधमपुर से चार चुनाव जीतने के बाद मैंने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल दिया, जम्मू चला गया और हार गया. उसके बाद मैंने वास्तव में राजनीति छोड़ दी. मैं 12 साल तक राजनीति से बाहर रहा. उन्होंने मुझे राजनीति में वापस ला दिया." उन्होंने राज्यसभा के लिए अपने चुनाव में एनसी के समर्थन को भी याद किया.
कर्ण सिंह ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को संतुलित व्यक्तित्व का धनी शख्स बताया. पूर्व मंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि वह बहुत आगे जाएंगे. मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे, क्योंकि, आप जानते हैं, उन्हें अब दूसरा मौका मिला है."
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