Jammu-Kashmir: यौन उत्पीड़न मामले में कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय का प्रोफेसर दोषी करार, सजा के साथ लगा जुर्माना
Kashmir Agricultural University: यौन उत्पीड़न मामले में कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय का प्रोफेसर दोषी पाया गया है. इसको लेकर अदालत ने आरोपी को एक साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया है.
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Jammu-Kashmir News: उत्तरी कश्मीर के सोपोर की एक स्थानीय अदालत ने वडूरा यौन उत्पीड़न मामले में एक प्रोफेसर को दोषी पाया है और एक साल की कैद के साथ-साथ 15000 रुपये जुर्माने का आदेश दिया है. शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय (SKUAST) मार्च 2023 में छात्रों के विरोध प्रदर्शन से हिल गया था, जब एक छात्रा ने विश्वविद्यालय में विभाग के प्रमुख पर बार-बार यौन उत्पीड़न करने की शिकायत की थी.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सोपोर, आदिल मुश्ताक बंदे ने बुधवार को छात्र के यौन उत्पीड़न के लिए कृषि संकाय, वडूरा के कृषि विस्तार और संचार विभाग के प्रमुख मुश्ताक अहमद डार को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. जब घटना की सूचना मिली तब आरोपी डॉ. मुश्ताक अहमद डार SKUAST के वडूरा परिसर में विभाग में HOD के पद पर थे. यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि इस मामले की सुनवाई नौ महीने की अवधि के भीतर समाप्त हो गई थी. कोर्ट ने आरोपी पर 15000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
नौ महीने बाद छात्रा को मिला न्याय
सीजेएम कोर्ट सोपोर के सहायक लोक अभियोजक मिर्जा जाहिद खलील ने बताया, "आरोपी को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. इस मामले में परिवीक्षाधीन अभियोजन अधिकारी, सुश्री सदाफ अमीन (एपीपी डीएमएम कोर्ट सोपोर) की ओर से अधोहस्ताक्षरी को कानूनी रूप से सहायता प्रदान की गई थी." लगभग नौ महीने पहले, SKUAST वडूरा सोपोर परिसर की एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि परिसर में एक प्रोफेसर ने उसका यौन उत्पीड़न किया था.
जवाब में, विश्वविद्यालय के छात्रों ने दोषी पक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफ कश्मीर ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्कालीन डीसी बारामूला डॉ. सैयद सेहरिश असगर ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और आखिरकार नौ महीने बाद छात्रा और उसके परिवार को न्याय मिला है.
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