Jammu and Kashmir News: महनशित उज्मा जब कानून की पढ़ाई करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए यात्रा पर निकलीं, तो उन्हें क्या पता था कि एक दिन उन्हें प्रवेश के लिए यूरोपभर के विश्वविद्यालयों में 15 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त होंगे, और अंतत: एशिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक में अध्ययन करने के लिए प्रतिष्ठित वोंग फैमिली स्कॉलरशिप जीतेगी. जैसा कि कहा जाता है 'रोम एक दिन में नहीं बना था', उसने भी रातों-रात काम पूरा नहीं किया. उज्मा के हिस्से में भी उतार-चढ़ाव आए लेकिन संघर्ष और कड़ी मेहनत रंग लाई. श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके की रहने वाली उज्मा ने लैंगिक न्याय और मानवाधिकारों के लिए काम करने और लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए कानून को करियर के रूप में चुना.
उज्मा ने इसकी शुरुआत बहुत पहले कर ली थी और अपने बीए-एलएलबी के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए 12 में राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र का विकल्प चुना. उसके माता-पिता नहीं चाहते थे कि वह गृहनगर से बाहर जाए, इसलिए वह राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) में शामिल हुई, उसमें तीसरी रैंक (कानून) हासिल की और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर में बीए-एलएलबी कोर्स में दाखिला लिया. उन्होंने स्वर्ण पदक विजेता के रूप में अपनी डिग्री पूरी की. जब उन्होंने विदेश में शिक्षा लेने का फैसला किया तो कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने अपने दम पर विश्वविद्यालयों और छात्रवृत्तियों का पता लगाना शुरू किया, संस्थानों को ईमेल लिखे, ऐसे लोगों को खोजने के लिए लिंक्डइन में शामिल हुईं जो उनका मार्गदर्शन कर सकें और आवेदन करने के तरीके पर शोध किया.
उज्मा ने कहा : "समय के साथ, मुझे यह समझ में आया कि चुनौतियां उतनी सरल नहीं थीं, जितनी वे किताबों में दिखती थीं, बल्कि कहीं अधिक जटिल थीं. उन्होंने 20 संस्थानों में आवेदन करते हुए एक साल तक शोध किया, जिनमें से 17 यूके से, एक हांगकांग से और दो स्विट्जरलैंड से थे." आवेदन प्रक्रिया के दौरान उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की और एक संगठन में काम करना शुरू कर दिया. अपना लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, उन्होंने जम्मू और कश्मीर के उच्च न्यायालय में एक वर्ष के लिए एक वकील के रूप में अभ्यास किया. अगस्त 2022 में, उन्होंने हांगकांग विश्वविद्यालय की पेशकश को स्वीकार कर लिया और वहां चली गई. अब, वह एशिया की तीसरी सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी और दुनिया की 20वीं सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में पढ़ रही हैं.
अपने स्नातक अध्ययन के अंतिम वर्ष में उन्होंने रोड्स छात्रवृत्ति के लिए भी आवेदन किया. उसने लिखित राउंड पास कर लिया, इंटरव्यू में जगह बना ली, लेकिन अंत में सफल नहीं हुई. उज्मा ने कहा, "मैंने उन उम्मीदवारों के बारे में जाना जो उस वर्ष और पिछले वर्षो में रोड्स छात्रवृत्ति पाने में सफल रहे, उनमें से अधिकांश ने उच्च रैंक वाले संस्थानों में अध्ययन किया." महनशित ने अपनी स्कूली शिक्षा द मलिन्सन गर्ल्स स्कूल में की. बचपन से ही, उन्होंने अपने अकादमिक करियर के दौरान अपनी अकादमिक उत्कृष्टता को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की. उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पब्लिक स्कूल, जीएचएसएस, कोठीबाग से पूरी की.
उज्मा ने कहा, "कश्मीर में सामान्य पालन-पोषण के विपरीत, जहां लड़कियों की पढ़ाई को प्रोत्साहित नहीं किया जाता है, मेरे माता-पिता ने मेरा समर्थन किया. मुझे लगता है कि इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा, कश्मीर में कानूनी क्षेत्र पुरुष प्रधान है, और आप विश्वविद्यालय सहित हर जगह कानूनी बिरादरी में महिलाओं के खिलाफ पक्षपात देख सकते हैं." लैंगिक पक्षपात के खिलाफ उज्मा ने जम्मू-कश्मीर और राष्ट्रीय स्तर पर 15 से अधिक बोलने की प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की और विशेष रूप से संसदीय मामलों के मंत्रालय द्वारा उनके कौशल के लिए सम्मानित किया गया.
वह कहती हैं कि वकील होने के नाते, हमारे समाज के प्रति हमारी कुछ आवश्यक जिम्मेदारियां हैं. उस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए 2019 में उन्होंने अपने अन्य सहयोगियों के साथ यंग लॉयर्स फोरम (वाईएलएफ), कश्मीर की नींव रखी. उन्होंने यौन उत्पीड़न, महिलाओं के खिलाफ अपराध, सूचना का अधिकार और स्वास्थ्य अधिकारों पर जागरूकता अभियान और कार्यशालाएं आयोजित की हैं. वह इस समय इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों पर फील्डवर्क के साथ सामाजिक-कानूनी अध्ययन कर रही हैं.