Kashmiri Harisa Meat: जम्मू-कश्मीर में सर्दियों में लोग खूब खाते हैं 'हरीसा', जानें- क्या है और क्यों बढ़ जाती है ठंड में इसकी मांग
जम्मू-कश्मीर में 'हरीसा मीट' की मांग बढ़ गई है. इसके बार में कहा जाता है कि सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए इसे खाते हैं. इसे बनाने में कई घंटे लगते हैं और खाने पर आसानी से पच जाते हैं.
Kashmiri Meat Harisa: जम्मू-कश्मीर में इन दिनों जोरदार ठंड पड़ रही है. बीच-बीच में बारिश और बर्फबारी भी हो रही है. ऐसे में कश्मीरी मीट डिश 'हरीसा' की मांग बढ़ गई है. इस मीट के बार में कहा जाता है कि सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए लोग इसे खाते हैं. श्रीनगर के एक होटल मालिक का कहना है कि वे 70 साल से हरीसा मीट बेच रहे हैं. सर्दियों में इसकी मांग बहुत ज्यादा होती है क्योंकि यह शरीर को गर्म रखता है. हरीसा मीट का अमेरिका सहित कई देशों में निर्यात किया जाता है.
बिना हड्डियों वाले मटन से बनता है हरीसा
वहीं होटल में हरीसा मीट खाने पहुंचे एक शख्स ने कहा कि वे इसे पिछले 7-8 साल से खा रहे हैं. यह सेहत के लिए अच्छा होता है और यहां हर कोई सर्दियों में इसे खाता है. दरअसल हरीसा मीट को बनाने के लिए कश्मीरी केसर, सुगंधित मसाले, इलायची, लहसुन, दालचीनी, नमक, चावल के साथ-साथ दूध का भी इस्तेमाल होता है. सबसे पहले चावल बनाया जाता है और फिर मसालों के साथ मिलाकर इसमें बिना हड्डियों वाला मटन डाला जाता है. इसे एक बड़े मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है.
दर्द से भी मिलती है राहत
हरीसा मीट बनाने में कई घंटे लगते हैं. कैलोरी और प्रोटीन से भरपूर हरीसा मीट आसानी से पच जाता है. कहा जाता है कि जिन लोगों को शरीर में दर्द होता है, उन्हें हरीसा खाने से दर्द से राहत मिलती है और कई अन्य बीमारियों से भी बचाव होता है. लोग इसे कश्मीरी ब्रेड के साथ बड़े चाव के साथ खाते हैं.
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