Leh Ladakh: लद्दाख के पार्षदों को अब हर महीने मिलेंगे 1.20 लाख रुपये, मानदेय बढ़कर हुआ दोगुना
Ladakh News: अधिसूचना में कहा गया, ‘‘पार्षदों को अतिरिक्त मासिक निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 40,000 रुपये, कार्यालय और टेलीफोन भत्ता 10,000 रुपये और चिकित्सा भत्ता 10,000 रुपये मिलेगा.’’
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Ladakh News: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (Union Territory of Ladakh) के पार्षदों को अब 60,000 रुपये प्रति माह भत्ता मिलेगा, जिससे उनका कुल वेतन बढ़कर 1.20 लाख रुपये प्रतिमाह हो जाएगा. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के सचिव अजीत कुमार साहू ने शनिवार को इस बाबत एक अधिसूचना जारी की. इससे पार्षदों की सैलरी (Ladakh Councillors salary) बढ़कर दोगुनी हो गई है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है.
क्या कहा गया है अधिसूचना में
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के लेह और कारगिल (Councillors of Leh and Kargil) के पार्षदों को अतिरिक्त मासिक निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 40,000 रुपये, कार्यालय और टेलीफोन भत्ता 10,000 रुपये और चिकित्सा भत्ता 10,000 रुपये मिलेगा.’’
किया गया था समिति का गठन
साहू ने बताया कि लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया है. बता दें कि सरकार के इस फैसले से कारगिल और लद्दाख के सभी पार्षदों को फायदा मिलेगा. इसके पहले मानदेय बढ़ाने को लेकर समिति गठित की गई थी. समिति ने मानदेय बढ़ाने की अनुशंसा की जिसके बाद यह फैसला लिया गया. परिषदों के अध्यक्षों और कार्यकारी पार्षदों के मानदेय में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लद्दाख और कारगिल में कुल 50 पार्षद हैं. बहुत लंबे समय से पार्षदों की सैलरी बढ़ाने की मांग थी.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नए केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए हैं. लद्दाख में चंडीगढ़ की तरह ही कोई विधानसभा नहीं है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. लद्दाख में दो जिले हैं. पीएम मोदी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर लंबे समय तक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा जबकि लद्दाख रहेगा.
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