62 साल बाद Mata Vaishno Devi Yatra में हुआ यह बड़ा बदलाव, जानें- अब श्रद्धालुओं को क्या करना होगा
Mata Vaishno Devi Yatra News: आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सर्वर के साथ कनेक्ट होगा. इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनेगा. कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पूरी जानकारी होगी.
Mata Vaishno Devi Yatra News: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कटरा (Katra) में स्थित माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) की यात्रा अब पर्ची के जरिए नहीं होगी. माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पिछले 62 साल से पर्ची से चल रही यात्रा को बंद करने जा रही है और इसकी जगह पर अब रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) सेवा शुरू करेगी. दरअसल इसी साल के पहले दिन भगदड़ के बाद बोर्ड प्रशासन ने अगस्त से आरएफआइडी सेवा अनिवार्य कर दी है.
आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सर्वर के साथ कनेक्ट होगा. इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनेगा. कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पूरी जानकारी होगी. श्रद्धालु यात्रा शुरू करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से आरएफआइडी कार्ड प्राप्त करेंगे. वहीं यात्रा पूरी करने के बाद श्रद्धालु कार्ड को मां वैष्णो देवी के प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योढ़ी या फिर नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटरा हेलीपैड या फिर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर यात्रा पंजीकरण केंद्र पर वापस करेंगे.
श्रद्धालु को नि:शुल्क मिलेगा आरएफआइडी कार्ड
यह कार्ड दोबारा कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. आरएफआइडी कार्ड की कीमत 10 रुपये है, लेकिन श्रद्धालु को यह नि:शुल्क मिलेगा. इसका खर्चा श्राइन बोर्ड स्वयं वाहन करेगा. आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु जैसे ही आधार शिविर कटरा पहुंचेंगे, उसी समय वाई-फाई से उसके स्मार्ट फोन पर मैसेज आएगा कि उसे कितने बजे और किस काउंटर पर जाकर आरएफआइडी कार्ड लेना है. इसके लिए वायरलेस फिडेलिटी सुविधा विकसित की जा रही है. आरएफआइडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड प्रशासन ने पुणे की एमटेक इनोवेशन कंपनी को दिया है.
कार्ड नहीं होगा खराब
आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से पाली फैब्रिक युक्त होगा जो बारिश या फिर पसीने से खराब नहीं होगा. माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीइओ अंशुल गर्ग ने बताया कि अगस्त से यात्रा में आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा. इसमें आनलाइन पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु भी शामिल होंगे. इस कार्ड को वापसी पर जमा कराना भी अनिवार्य होगा. इस सुविधा को शुरू करने का मकसद यात्रा पर बारीकी से नजर रखना है.
भीड़ को नियंत्रण करने में मिलेगी मदद
इससे भवन मार्ग पर किसी तरह का दुर्व्यवहार और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लापता होने के मामलों पर रोक लगेगी. इसके अलावा भीड़ को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी.अनुमान के मुताबिक भवन करीब 10 हजार श्रद्धालु एक समय में दर्शन के लिए रुक सकता है. श्राइन बोर्ड प्रशासन कंट्रोल रूम से भीड़ पर पल-पल की निगाह रखेगा. इसके लिए टीम बनाई जाएगी.
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