Lok Sabha Elections 2024: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर हाई प्रोफाइल मुकाबला होने जा रहा है. पीडीपी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती डीपीएपी प्रमुख गुलाम नबी आजाद के खिलाफ अनंतनाग-राजौरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रभावशाली गुर्जर नेता मियां अल्ताफ अहमद को इस सीट से मैदान में उतारा है और अपनी पार्टी ने जफर इकबाल मन्हास को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
पीडीपी संसदीय बोर्ड प्रमुख सरताज मदनी ने रविवार (7 अप्रैल) को कश्मीर की तीन सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा श्रीनगर से और पूर्व राज्यसभा सदस्य मीर फयाज बारामूला से चुनाव लड़ेंगे.
अनंतनाग-राजौरी से चुनाव लड़ेंगी महबूबा मुफ्ती
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और सरताज मदनी की ओर से संबोधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा की गई. अनंतनाग-राजौरी सीट से खुद पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती चुनाव मैदान में उतरेंगी. मीडिया से बातचीत के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी जम्मू क्षेत्र की दो सीटों उधमपुर और जम्मू पर कांग्रेस का समर्थन करेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस कश्मीर में भी जवाब देगी, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि वह बदले में राष्ट्रीय पार्टी को समर्थन नहीं दे रही हैं.
कांग्रेस का समर्थन करेगी पीडीपी
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि हमने संविधान और लोकतंत्र को बचाने की बड़ी लड़ाई में कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ''मैं न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं बल्कि एनसी कार्यकर्ताओं से भी अपील करूंगी कि वे मेरा समर्थन करें ताकि हम जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज संसद तक पहुंचा सकें. अनंतनाग से राजौरी और पुंछ तक निर्वाचन क्षेत्र के सभी लोगों से मेरी अपील है कि वे एक साथ आएं क्योंकि हम एक महत्वपूर्ण चरण से गुजर रहे हैं. लोग बात नहीं कर सकते. बात करना गुनाह हो गया है. अगर कोई आवाज उठाता है, तो उसे राष्ट्र-विरोधी करार दिया जाता है.''
फारूक अब्दुल्ला को लेकर क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती?
अपनी पार्टी के इंडिया ब्लॉक पार्टनर नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ चुनाव लड़ने पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने गेंद एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के पाले में छोड़ दी है. हमने फैसला फारूक अब्दुल्ला पर छोड़ दिया है. अगर वे सभी सीटों पर चुनाव लड़ते तो भी हमें कोई आपत्ति नहीं होती, लेकिन उन्हें कम से कम हमसे सलाह लेनी चाहिए थी.
पीडीपी प्रमुख ने कहा, उन्हें यह कहकर हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं को अपमानित नहीं करना चाहिए था कि वे विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर निर्णय लेने से पहले लोकसभा चुनाव में हमारा व्यवहार देखेंगे. एक सवाल के जवाब में, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र वास्तविक आवाजों को उठाएगा.
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