विकास परियोजनाओं को महबूबा ने J-K के लिए खतरा, कहा- 'अतीत में देख चुके हैं दुखद परिणाम'
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में इस वक्त अलग-अलग विकास परियोजनाओं पर काम चल रहा है लेकिन पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती इन्हें पर्यावरण के लिए खतरा बता रही हैं.
Jammu Kashmir News: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को सैटेलाइट टाउनशिप परियोजनाओं, बारामुल्ला-राजौरी राजमार्ग, श्रीनगर सर्कुलर रोड और पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील पहलगाम तक रेलवे परियोजना के विस्तार समेत विभिन्न प्रस्तावित विकास परियोजनाओं की कड़ी आलोचना की और सवाल उठाए. उन्होंने चेतावनी दी कि इन परियोजनाओं से प्राकृतिक आपदा आ सकती है.
महबूबा मुफ्ती ने प्रस्तावित 3,300 करोड़ रुपये की राजौरी-बारामुल्ला राजमार्ग परियोजना के बारे में गंभीर चिंता जताई और इसे पर्यावरण और आर्थिक आपदा वाला करार दिया. मौजूदा मुगल रोड के समानांतर चलने वाली इस परियोजना को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपा गया है. हालांकि, मुफ्ती ने इस तरह के दोहराव की जरूरत पर सवाल उठाया और पर्यावरणीय प्रभावों को दूर करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की.
महबूबा ने जोशीमठ का दिया उदाहरण
महबूबा मुफ्ती ने हिमालय में अनियोजित बुनियादी ढांचे के विकास के परिणामों की मिसाल देते उन्होंने कहा, "हम जोशीमठ (उत्तराखंड) में पर्यावरण सुरक्षा उपायों की अनदेखी के दुखद परिणाम देख चुके हैं. वहां बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए हजारों पेड़ काटे गए, जिससे कस्बे डूब गए और आजीविका खत्म हो गई. हम जम्मू-कश्मीर में वही गलतियां दोहराने की अनुमति नहीं दे सकते."
उमर सरकार से पूछे यह सवाल
महबूबा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से टाउनशिप के लिए 1.20 लाख कनाल से अधिक उपजाऊ कृषि भूमि के रूपांतरण को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया, इसे ऐसा कदम बताया जो कश्मीर के पारिस्थितिक संतुलन को बिगाड़ सकता है और इसकी कृषि अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल सकता है. महबूबा ने परियोजनाओं के बारे में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमें स्पष्टता की आवश्यकता है. क्या ये टाउनशिप श्रीनगर में भीड़भाड़ कम करने और स्थानीय निवासियों को घर उपलब्ध कराने के लिए हैं, या इन्हें बाहरी लोगों के लिए विकसित किया जा रहा है? यह अस्पष्टता बहुत परेशान करने वाली है."
महबूबा ने कहा, "श्रीनगर रिंग रोड के किनारे 30 सैटेलाइट टाउनशिप बनाने का सरकार का प्रस्ताव, एक ऐसी परियोजना है जिसके लिए लगभग 1.2 लाख कनाल (15,000 एकड़) भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें मुख्य रूप से प्रमुख कृषि और बागवानी क्षेत्र शामिल हैं. ऐसी कई चुनौतियां हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री प्रभावित नहीं कर सकते, लेकिन यह ऐसी चीज़ है जिसपर वह ध्यान दे सकते हैं.''
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